नई दिल्ली:कैट (CAIT) ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के नाम पर भ्रष्टाचार होने की शिकायत की है. साथ ही पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कमेटी की मांग की है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि कन्वर्जन ओर पार्किंग शुल्क देने के बावजूद व्यापारियों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है.
MCD में भ्रष्टाचार का आरोप
कैट ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर की शिकायत
दिल्ली के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कैट ने हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे शिकायत की है. उनका कहना है कि दिल्ली में कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के नाम पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. जिसकी दिल्ली के उपराज्यपाल खुद अब जांच करें.
'आज तक नहीं मिली कोई सुविधा'
पत्र में कैट ने दिल्ली के उपराज्यपाल को संबोधित करते हुए कहा है कि दिल्ली नगर निगम जो पहले एकीकृत थी और उसके बाद तीन भागों में विभाजित हो गई. उस निगम ने कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के नाम पर दिल्ली के व्यापारियों से हजारों करोड़ रुपये शुल्क के रूप में बटोरे हैं. जबकि लिए गए शुल्क से आज तक राजधानी दिल्ली में ना तो पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था बनाई गई है. ना ही व्यापारियों को किसी प्रकार की कोई सुविधा दी गई है.
साथ ही इस बारे में वर्तमान में स्थिति क्या है, इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में इस पूरे विषय को ध्यान में रखते हुए जांच कमेटी बिठाई जाए, जो एक सीमित समय अवधि में अपनी रिपोर्ट दे. कैट ये मांग करता है कि इस मामले में दिल्ली सरकार की भूमिका की भी जांच हो.
'कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला'
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारियों को पार्किंग की सुविधा देने के लिए दिल्ली नगर निगम की ओर से कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के नाम पर कई हजार करोड़ रुपये लिए गए, लेकिन आज तक व्यापारियों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली. निगम की ओर से वसूले गए इस पैसे को को खाते में जाना था.
उनका कहना है कि उस पैसे से व्यापारियों की सलाह पर पार्किंग और मार्केट की मुलभूत सुविधाओं के लिए प्रयोग किया जाना था, लेकिन आज तक दिल्ली में किसी भी मार्केट का ना तो कोई विकास हुआ और ना ही व्यापारियों को पर्याप्त रूप से पार्किंग की सुविधा मिली है. ऐसे में सवाल उठता है कि व्यापारियों की ओर से दिया गया पैसा आखिर गया तो गया कहां.