दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

CAIT ने भारतीय बाजार में उतारी राफेल राखी, 'चीन को लगी 4 हजार करोड़ की चपत'

रक्षा बंधन को स्वदेशी बनाने की कवायद भारत में तेज हो गई है. इसी अभियान में व्यापारी वर्ग कैट ने देश भर में इस बार राखी के त्योहार को हिन्दुस्तानी राखी के रूप में मनाने का अभियान छेड़ा है. जिसके मद्देनजर कैट ने बुधवार को भारतीय बाजारों के लिए राफेल राखी जारी की है.

By

Published : Jul 30, 2020, 7:27 AM IST

CAIT launches rafale rakhi for raksha bandhan to boycott chinese products
रक्षा बंधन को स्वदेशी बनाने की क्रम में कैट लाया राफेल राखी

नई दिल्ली:भारत और चीन के बीच हुए विवाद के मद्देनजर इस बार भारतीय बाजारों में चाइनीज राखियों का बहिष्कार करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा देश भर में इस बार राखी के पर्व को हिन्दुस्तानी राखी के रूप में मनाने का अभियान छेड़ा है. जिसके मद्देनजर कैट ने बुधवार को भारतीय बाजारों के लिए राफेल राखी जारी की है. कैट ने देशभर में राखी के पर्व को हिंदुस्तानी राखी के रूप में मनाने का अभियान शुरू किया.

रक्षा बंधन को स्वदेशी बनाने की क्रम में कैट लाया राफेल राखी
बता दें कि कैट के व्यापारी नेताओं ने घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने और चीनी सामान का बहिष्कार करने के अभियान के तहत देशभर में राखी को हिंदुस्तानी रखी के रूप में मनाने का अभियान छेड़ा है. वहीं इसको लेकर कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के मध्य भारतीय सेना को और अधिक सक्षम बनाने के लिए आज राफेल विमान भारत आया है. राफेल के भारत आगमन पर राफेल के चित्र वाली राखी जारी की गई है जो इस बात का प्रतीक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पूरी तरह से भारत की सेनाओं के साथ मजबूती से खड़ा है.
कैट ने लॉन्च की राफेल राखी

बीजों से बनाई जा रही राखियां

वहीं प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि देश में मजबूत हो रही सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करते हुए राफेल राखी जारी की गई है. इसके अलावा कृषि प्रधान शहरों से खेतों में काम आने वाले बीजों से भी राखियां बनाई जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा योगदान दे रही हैं उद्यमी महिलाएं और वह लोग जिनका कोरोना संक्रमण के चलते रोजगार छूट गया है.

मोदी राखी की मांग सबसे ज्यादा

वहीं उन्होंने बताया कि इस राखी को राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत करने के लिए वंदे मातरम राखी और जय हिंद जैसी राखियां भी जारी की गई हैं. प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सबसे ज्यादा डिमांड मोदी राखी की आ रही है, जिसका उत्पाद लगातार बढ़ाया जा रहा है. पूरे देश में यह राखियां बनाने का काम जारी है, जिसे अलग-अलग व्यापारी वर्ग आम जनता के लिए बाजार में उपलब्ध करवा रहा है.



वहीं प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस बार देश में ही राखी का उत्पाद होने से हर साल चीन को 4 हजार करोड़ का जो मुनाफा होता था, वह अब बंद हो गया है जिससे चीन को आर्थिक तौर पर गहरा आघात लगा है.

साथ ही उन्होंने कहा कि व्यापारी वर्ग का संकल्प है कि 2021 तक व्यापारी वर्ग चाइना के साथ एक लाख करोड़ का इंपोर्ट बंद करेगा. साथ ही उन्होंने सलाह दी कि जिन उत्पादों के लिए भारत चीन पर निर्भर था, उसे अन्य देशों से भी खरीदने पर विचार किया जाना चाहिए.


बता दें कि अलग-अलग राज्यों के लगभग ढाई सौ शहरों में कैट द्वारा राखी बिक्री स्टाल लगाए गए, जिनमें घरेलू तौर पर बनाई गई राखियां बिक्री के लिए रखी गई थी. इनमें मोदी राखी और अक्साई चीन हमारा है की राखियां शामिल थी. इसके साथ ही जय हिंद की सेना राखी, वंदे मातरम राखियां भी खास रहीं.

250 शहरों में राखी बिक्री स्टॉल

राखियों की बिक्री के लिए दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में लगभग 250 शहरों में राखी बिक्री स्टॉल लगाए गए हैं. दिल्ली, नागपुर,पटना, कानपुर, लखनऊ, मुंबई, जमशेदपुर, कलकत्ता, रांची, राऊरकेला, रायपुर, झांसी, पॉन्डिचेरी, जयपुर, जोधपुर, इलाहबाद, नॉएडा, जम्मू, चंडीगढ़, लुधियाना, तिनसुकिया, गोहाटी, सूरत, अहमदाबाद, पुणे, कोल्हापुर आदि शहर प्रमुख रूप से शामिल है.बता दें कि यह स्टॉल प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कैट के व्यापारी नेता और महिला उद्यमियों ने लगाए थे और इसमें प्रति राखी की कीमत 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक रखी गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details