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60 दिन में भारत के घरेलू व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसानः CAIT - नुकसान

व्यापारिक संगठन कैट (CAIT) ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसके अनुसार कोरोना (Corona) के चलते पिछले 2 महीने में देशभर में 15 लाख करोड़ के कारोबार (Business) का नुकसान हुआ है. वित्तीय संकट (Financial Crisis) की वजह से व्यापारियों को कर्मचारियों की छंटनी करने पर मजबूर होना पड़ेगा. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) व्यापारियों (Traders) को राहत पैकेज दें.

CAIT appeals to the Prime Minister for relief on the huge loss caused to traders by Corona
कैट

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Published : Jun 2, 2021, 10:02 PM IST

नई दिल्ली: व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कैट (CAIT) ने कहा है कि कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के कारण देश के लगभग सभी राज्यों में हुए लॉकडाउन (Lockdown) ने पिछले 60 दिन में भारत के घरेलू व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान पहुंचाया है.

व्यापारिक संगठन कैट ने रिपोर्ट जारी की

बेहद गंभीर वित्तीय संकट

इस संदर्भ में बुधवार को कैट (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल द्वारा जारी एक संयुक्त वक्तव्य में यह भी कहा कि बेहद गंभीर वित्तीय संकट के चलते देश भर के व्यापारी पहली बार अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने पर विचार कर रहे हैं. जिसमें अनेक प्रकार के मासिक इस्टैब्लिशमेंट एवं ओवरहेड (Establishment & Overhead) खर्चों में कटौती सहित कर्मचारियों की छंटनी करना भी शामिल है.

पिछले वर्ष और इस वर्ष लॉकडाउन (Lockdown) के कारण व्यापार में बेहद कमी, मेडिकल खर्चों में अप्रत्याशित वृद्धि और आय के सभी स्रोतों के बंद हो जाने से व्यापारी अब मासिक खर्चों की क्षमता को वहन कर पाने की स्थिति में नहीं है. यदि ऐसा होता है तो यह बेरोजगारी के आंकड़ों में वृद्धि करेगा खासकर जब भारत में खुदरा व्यापार को रोजगार का बड़ा जरिया कहा जाता है.

देश में लगभग 8 करोड़ छोटे व्यवसाय

देश में प्रति वर्ष लगभग 115 लाख करोड़ का घरेलू व्यापार होता है. देश में लगभग 8 करोड़ छोटे व्यवसाय हैं, जो व्यापारिक गतिविधियों में शामिल हैं. जो लगभग 40 करोड़ लोगों को आजीविका देते हैं. वहीं दूसरी तरफ विभिन्न अन्य वर्गों के लाखों लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए व्यापारिक समुदाय पर निर्भर हैं.

बीते दो महीने में व्यापार घाटा हुआ

बीते दो महीने में अनुमान है कि महाराष्ट्र को लगभग 1.50 लाख करोड़, दिल्ली को लगभग 40,000 करोड़, गुजरात को लगभग 75,000 करोड़, उत्तर प्रदेश को लगभग 85,000 करोड़, मध्य प्रदेश को लगभग 45,000 करोड़, राजस्थान को लगभग 35,000 करोड़, छत्तीसगढ़ को लगभग 27,000 करोड़ का व्यापार घाटा हुआ है. कर्नाटक को लगभग 70,000 करोड़, तमिलनाडु ने लगभग 80,000 करोड़ और इसी तरह अन्य राज्यों को पिछले दो महीनों के दौरान काफी व्यापार घाटा हुआ है.

रोजी-रोटी का बड़ा नुकसान सहना पड़ रहा

यह भी उल्लेखनीय है कि देश में लाखों लोग अनौपचारिक व्यापार में व्यावसायिक गतिविधियां चलाकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं और लॉक डाउन (Lockdown) के कारण दुकानों और बाजारों के बंद होने से उन्हें भारी व्यापारिक नुकसान भी हुआ है. इसी तरह लाखों कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिक, जिन्हें "कारीगर" के रूप में जाना जाता है और जो घरों में माल को तैयार कर व्यापारियों (Traders) को बेचते हैं, को भी दुकानों और बाजारों के बंद होने के कारण रोजी रोटी का बड़ा नुकसान सहना पड़ रहा है.

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प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देशभर का व्यापारिक समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील करता है. क्योंकि देशभर के व्यापारिक समुदाय को प्रधानमंत्री छोटे व्यवसाय का चैंपियन मानते हैं.

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कैट (CAIT) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि व्यावसायिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए व्यापारियों (Merchants) को एक समग्र वित्तीय पैकेज दें. अन्य वर्ग की तरह कोई कर्ज माफी नहीं मांग रहे हैं, बल्कि हमारा आग्रह केंद्र और राज्य सरकारों से व्यापार बहाल करने के लिए समर्थन नीतियां, वैधानिक प्रावधानों के पालन में कुछ समय के लिए अस्थायी छूट और व्यापारियों (Traders) को बैंकों से काम ब्याज दर पर आसान तरीके से ऋण का उपलब्ध कराना आदि शामिल हैं. इस तरह के पैकेज को तैयार करते समय सरकार को व्यापारियों (Traders) से सलाह-मशवरा अवश्य करना होगा.

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि के दौरान घोषित विभिन्न पैकेजों में देश के व्यापारियों (Traders) को एक रुपया भी आवंटित नहीं किया गया था. जबकि देश भर के व्यापारियों (Traders) ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को कुशलतापूर्वक बनाए रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया.

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