नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में भी बाबा यानी UP के CM योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि इसके निशाने पर यहां के ड्रग्स माफिया हैं. दिल्ली पुलिस ने उनकी लिस्ट तैयार की है और LG वीके सक्सेना को भेज दी है. उन्होंने दिल्ली पुलिस और विभिन्न सिविक एजेंसियों को इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
बताया जा रहा है कि कार्रवाई के तहत नशे के कारोबार से हुई काली कमाई से बनाए गए इनके ठिकानों के साथ ही उन भवनों को भी ध्वस्त करने की तैयारी चल रही है, जिनका इस्तेमाल नशा तस्कर किसी भी रूप में करते हैं. अभियान के तहत राजधानी में नशा तस्करी में लिप्त 25 बड़े तस्करों को जांच और कार्रवाई के दायरे में लाया गया है. इनकी संपत्तियों को सील किया गया है और उनके ध्वस्तीकरण के लिए जांच की जा रही है.
पहली बार सबसे बड़ी कार्रवाईःपिछले दिनों पुलिस ने दिल्ली- एनसीआर में 100 जगहों पर छापेमारी कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ड्रग्स तस्करों पर नकेल कसने के लिए देश में पहली बार इस तरह की बड़ी कार्रवाई की गई है. दिल्ली पुलिस ने बड़े नशा तस्करों की सूची उपराज्यपाल को भेजी थी. इसके बाद एलजी ऑफिस ने निगम को तस्करों की संपत्तियों को सील करने का निर्देश दिया था. ये तस्कर लंबे समय से थोक में ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं.
ड्रग्स पर जीरो टॉलरेंस की नीतिःएलजी ने राजधानी दिल्ली में ड्रग्स पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसका उद्देश्य दिल्ली को 'ड्रग्स मुक्त' बनाना है. माना जा रहा है की इस तरह की सख्त कार्रवाई से अन्य नशा तस्करों को कड़ा संदेश भी जाएगा कि वे तस्करी को लेकर दिल्ली से दूर रहें.
झुग्गी झोपड़ी के युवा सबसे आसान शिकारःदिल्ली पुलिस ने राजधानी के युवाओं को नशे के दलदल में ढकेलने वाले कुख्यात नशा तस्करों की सूची बनाई है. गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद क्राइम ब्रांच और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने ऑपरेशन कवच शुरू किया था, जिसके तहत लगातार छापेमारी की गई और दर्जनों तस्कर दबोचे गए. इसके बाद इन तस्करों की सूची बनाई गई. ये अपने गुर्गों के जरिए नशीले पदार्थों की आपूर्ति करते हैं.
तस्करों के गुर्गे राजधानी दिल्ली समेत आसपास के विश्वविद्यालयों, बच्चों के स्कूलों, जेजे क्लस्टर, चाय-पान की दुकानों, सड़क किनारे मौजूद छोटी रेहड़ी-पटरी की दुकानों पर नशीले पदार्थ पहुंचाते हैं. वहां से रिटेल में ये नशीले पदार्थ बेचे जाते हैं. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स इन पर कार्रवाई कर रही है.
40 से 300 रुपए में मिलता है नशा रूपी जहरःपुलिस सूत्रों ने बताया कि जेजे क्लस्टर और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले युवाओं को ये लोग पहले फ्री में नशा देकर उन्हें लत लगाते हैं. इसके बाद जब युवा नशे के आदी हो जाते हैं तो यह उन्हें ऊंची कीमत पर नशीला पदार्थ बेचते हैं. ये युवा इन तस्करों के बड़े ग्राहक हैं. लत लगने के बाद ये इन्हें 40 रुपये से लेकर 300 रुपये में नशा उपलब्ध करवाते हैं. गांजे की छोटी पुड़िया 40 और बड़ी पुड़िया 80 रुपये में देते हैं. स्मैक की छोटी पुड़िया 300 में दी जाती है. झुग्गी-झोपड़ी और स्कूलों के आसपास लोगों को नशा सप्लाई करने के लिए यह छोटी पुड़िया बनाई जाती हैं क्योंकि ये लोग ज्यादा पैसे खर्च नहीं कर सकते.
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