नई दिल्ली: केंद्रीय बजट से इस बार दिल्ली सरकार को काफी उम्मीदें हैं. आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार का मानना है कि दिल्ली की दो करोड़ आबादी के साथ अभी तक सौतेला व्यवहार होता रहा है. दिल्ली को बजट में केवल 325 करोड़ रुपये मिलते रहे हैं जबकि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ रुपये का टैक्स केंद्र सरकार को देते हैं. दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि केंद्र सरकार केंद्रीय बजट 2023-24 में दिल्ली को पहले की तरह निराश नहीं करेगी.
बजट पर तमाम राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों से हुई बैठक में दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्र सरकार से बजट में दिल्ली को पर्याप्त फंड देने की मांग की थी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल भी बीजेपी शासित एमसीडी को एक रुपया नहीं दिया था. वहीं देश के अन्य नगर निगमों के लिए दो लाख करोड़ दिए गए थे. इस बार नगर निगम नए स्वरूप में काम करेगा तो उम्मीद है कि केंद्र सरकार एमसीडी के लिए मांग के अनुरूप फंड आवंटित करेगी. उम्मीद है कि दिल्ली के विकास और लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बदले दिल्ली को मिलने वाले अनुदान में वृद्धि करेगी. केंद्रीय बजट से दिल्ली को मायूसी ना मिले इस बार यही चाहते हैं.
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दिल्ली सरकार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बदले मिलने वाला अनुदान पिछले दो दशक से बिना बढ़ोतरी के केवल 325 करोड़ रुपये ही मिलता रहा है. दिल्ली को केंद्रीय करो में मिलने वाली हिस्सेदारी वर्ष 2001-02 से नहीं बढ़ाई गई है जबकि विभिन्न विकास से संबंधित परियोजनाओं को फंड देने के लिए दिल्ली भी केंद्रीय करों में अपनी हिस्सेदारी के बराबर हकदार है. केंद्र सरकार ने दिल्ली को मिलने वाले अनुदान, ऋण और हस्तांतरण के बजट को कम कर दिया है, दिल्ली सरकार को इस बार उम्मीद है कि कुल अनुदान, ऋण हमें मांग के अनुरूप मिले. इससे पहले दिल्ली सरकार को केंद्रीय बजट से कुल अनुदान या हस्तांतरण के रूप में 1116 करोड़ पर मिला था जिसे घटाकर पिछले वर्ष 957 करोड़ कर दिया गया है. इस बार केंद्र सरकार से उम्मीद है कि वह इस फंड में भी बढ़ोतरी करें.