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वीरता को सलाम, भावुक कर देगी इन बच्चों के अदम्य साहस की कहानी! CM ने किया सम्मानित

स्वतंत्रता दिवस वीरता और साहस को याद करने का भी दिन होता है. दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ध्वजारोहण के बाद ऐसे पुलिस के जवानों और बच्चों को सम्मानित किया. जिनकी बहादुरी उल्लेखनीय रही है.

सीएम ने वीरों को किया सम्मानित etv bharat

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Published : Aug 15, 2019, 11:36 PM IST

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्तव्य परायणता और ड्यूटी में लगन के लिए दो पुलिस जवानों को सम्मानित किया. वहीं अदम्य साहस के लिए एक दिवंगत युवती और वीरता के लिए दो बच्चों को सम्मानित किया.

तिहाड़ जेल के केंद्रीय कारागार संख्या 1 के अधीक्षक बलवान सिंह को जेल में बंद कैदियों के लिए सुधार कार्यक्रम आयोजित करने, कारागार परिसर में रोजगार उन्मुख कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और मानसिक तनाव में डूबे कैदियों का मार्गदर्शन कर उन्हें सकारात्मक राह दिखाने के लिए सम्मानित किया गया.

सीएम ने वीरों को किया सम्मानित

इसी तरह, संजीत सिंह को दिल्ली हाट में जेल संख्या 7 में लगाई गई प्रदर्शनी के सफलतापूर्वक आयोजन, दिवाली मेला के सफल आयोजन तथा कैदियों के जीवन में प्रभावी बदलाव के लिए प्रेसिडेंट करेक्शनल सर्विस मेडल फॉर मेरीटोरियस सर्विस से सम्मानित किया गया.

वहीं नीतिशा नेगी को मरणोपरांत सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया. नीतिशा नेगी 10 दिसंबर 2017 को एडिलेड में समुद्र किनारे अपने टीम मेट्स के साथ थीं. जब उन्होंने अपनी एक टीम साथी अनन्या अरोड़ा को डूबते देखा. नीतिशा ने खुद के जीवन की परवाह न करते हुए अनन्या को बचाया, हालांकि इसमें वो खुद नहीं बच सकीं. इस अदम्य साहस के लिए नीतिशा को मरणोपरांत सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया. नीतिशा के लिए यह सम्मान उनकी मां मीना नेगी ने लिया.

दो लड़कों दीपांशु और करन को जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया. 19 जनवरी 2017 को करन ने अपने साहस और वीरता का परिचय देते हुए गहरे नाले में डूबते एक बच्चे को बचाया था. वही दीपांशु ने 30 अप्रैल 2017 को शाम 6 बजे साइकल से गिरकर नहर में डूबते एक बच्चे को देखा और बिना जान की परवाह किए नहर में जाकर उस बच्चे को बचाया.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हजारों स्कूली बच्चों की मौजूदगी में इन सभी को सम्मानित किया. इससे न सिर्फ इनकी वीरता और साहस को प्रोत्साहन मिला, बल्कि छत्रसाल स्टेडियम में मौजूद बच्चे भी प्रेरित हुए.

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