नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के महरौली से आनंद विहार के बीच चलने वाली 534 नंबर की क्लस्टर बस रोजाना की तरह महरौली से छूट चुकी थी. आधा दर्जन बस स्टॉप से होते हुए न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से होकर महारानी बाग की ओर जा रही थी. लेकिन किसी को क्या पता था कि इस बस का ब्रेक फेल हो गया है. इस 534 नंबर की बस ने एक साथ कई गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया. इस हादसे में एक की मौत हो गई हैं. जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. इस घटना ने एक बार फिर साल 2007 की वह दर्दनाक दिन की याद ताजा कर दी है. जब एक बस के कहर ने 7 लोगों की एक साथ जान ले ली थी. बस का नंबर था 460. यह वह दौर था जब दिल्ली में ब्लू लाइन की बस चला करती थी.
आली गांव के पास हुआ था हादसा:साल 2007 दिन रविवार. बदरपुर से 460 नंबर की ब्लू लाइन बस तेज रफ्तार में चली आ रही थी. आली गांव के बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे 7 लोगों पर बस कहर बनकर टूटता है. इस हादसे में 5 व्यक्ति और एक बच्चे की मौके पर मौत हो जाती है. जबकि एक का इलाज के दौरान मौत हो जाती है. इस भीषण सड़क हादसे के बाद काफी बवाल भी हुआ था. उस समय कांग्रेस की सरकार थी. लोगों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से ब्लू लाइन बस को बंद करने की मांग की थी.
बस का मेंटेंस न होना दुर्घटना की वजह:दिल्ली में ब्लू लाइन बस सेवा बंद हो गई. इसकी जगह क्लस्टर बस सेवा ने लिया. दिल्ली सरकार के द्वारा डीटीसी बस सेवा और प्राइवेट क्लस्टर बस सेवा संचालित होते हैं. ब्लू लाइन की तरह ही अपने फेरे जल्दी से जल्दी पूरा करने और ओवरटाइम मारने के चक्कर में बस ड्राइवर कई बार गाड़ी को बस डिपो में जांच नहीं करते हैं, जिससे कई बार यह लापरवाही बड़ी दुर्घटना को अंजाम देती है. वहीं बस डिपो में क्लस्टर बसों का भी मेंटेंस नहीं होती है, जिसके चलते आए दिन सड़कों पर बसों में आग और ब्रेक फेल होने जैसी घटनाएं होती है. भाजपा इस मामले में दिल्ली की परिवहन मंत्री पर पूर्व में कई गंभीर आरोप भी लगा चुकी है.