नई दिल्ली/नोएडा:इन दिनों नोएडा एनसीआर में कामगारों कोकंपकपा देने वाली सर्दी से बचाने का काम अलाव कर रहा है. रात में कंपनियों में नौकरी और सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वालों का अलाव एकमात्र सहारा बने हुए हैं. नोएडा में प्राधिकरण के तरफ से हर वर्ष अलाव की व्यवस्था की जाती है पर इस बार प्राधिकरण की तरफ से महत्वपूर्ण स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नहीं देखी जा रही है. वहीं बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग चोरी छुपे तरीके से लकड़ी की व्यवस्था कर अलाव जला रहे हैं. कड़ाके की ठंड के साथ ही तेज चलने वाली सर्द हवाएं भी लोगों को कापने के लिए मजबूर कर दे रही हैं, जिसमें लोग अलाव को एकमात्र अपना सहारा मानकर जगह-जगह आग जलाकर हाथ सेक रहे हैं.
नोएडा: कड़ाके की ठंड में अलाव बना कामगारों का एकमात्र सहारा - नोएडा में कड़ाके की ठंड
नोएडा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, मगर हर साल की तरह इस साल नोएडा प्राधिकरण की तरफ से अलाव जालान की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में मजदूरों और रात में तैनात सिक्योरिटी गार्डों को खुद को ठंड से बचाने के लिए खुद ही लकड़ियों की व्यवस्था कर अलाव जलाना पड़ रहा है.
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सर्द हवाओं के साथ कड़ाके की ठंड लोगो को ठिठुरने को मजबूर कर रही है. कड़ाके की ठंड में आजकल शाम होने के साथ ही कंपनियों और दिहाड़ी मजदूरों का सहारा उनके खुद से जुगाड़ कर जलाया गया अलाव है. नोएडा में प्राधिकरण अत्यधिक ठंड पड़ने पर अलाव की व्यवस्था महत्वपूर्ण स्थानों पर करता है. पर इस बार हड्डियां गला देने वाली ठंड में नोएडा प्राधिकरण द्वारा फिलहाल कहीं पर अलाव नहीं जलाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि एनजीटी के नियमों के चलते अलाव नहीं जलाए जा रहे हैं. वहीं आम पब्लिक ठंड से बचने के लिए खुद लकड़ियों का जुगाड़ कर अलाव जला रही है. दूसरी तरफ नाइट में ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मी खास तौर पर गार्ड और छोटे वाहन चलाने वाले चालक ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते हुए देखे जा सकते हैं.
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अलाव तापने वाले राहगीरों और मजदूरों का कहना है कि ठंड से बचने का यह एकमात्र हम लोगों का सहारा है. कंपनी के अंदर आग नहीं जला सकते, जिसके चलते काम से छूटने के बाद कंपनी के बाहर आग जलाकर हाथ और पैर सेकते हैं. वहीं कुछ रिक्शा चलाने वाले लोगों का कहना है कि अत्यधिक ठंड में रिक्शा चलाना जब भारी पड़ जाता है तो रास्ते में जल रहे अलाव का सहारा लेकर ठंड से बचते हैं.
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