नई दिल्ली: दिल्ली एमसीडी चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद जहां एक तरफ 15 साल से एमसीडी में शासित बीजेपी को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है. वहीं, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी पहली बार एमसीडी में सरकार बनाने जा रही है. इस बीच मेयर पद के चुनाव को लेकर अब सबकी नजरें उसी पर टिकी है.
शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रेस कॉफ्रेंस कर एमसीडी चुनाव के नतीजों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इस बार के चुनाव में बीजेपी को 39 फ़ीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं. जिसके लिए बीजेपी दिल्ली के सभी मतदाताओं सहित भाजपा कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करती है. बीजेपी वादा करती है कि एमसीडी में दिल्ली की जनता से जुड़े सवालों और समस्याओं को मजबूती से उठाने के साथ एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी.
आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछली बार बीजेपी को एमसीडी चुनाव में 36.08 फीसदी वोट मिला था. जबकि इस बार वोट शेयर बडकर 39. 09 हो गया है. इसके अलावा इस बार कई सारी सीटें रही, जहां बेहद कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदेश गुप्ता ने अपनी बात रखते हुए कांग्रेस के ऊपर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के अंदर अपने घुटने आम आदमी पार्टी के आगे टेक दिए और कांग्रेस के साथ मिलकर फ्रेंडली मैच की तरह चुनावों में उतरे.
MCD में विपक्ष की भूमिका निभाएगी बीजेपी, हारे हुए प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में निभाएंगे विपक्ष की भूमिका - PRESS CONFERENCE OF BJP IN DELHI
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एमसीडी चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद स्पष्ट तौर पर कहा कि बीजेपी इस बार एमसीडी के अंदर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के साथ जनता की आवाज को पुरजोर तरीके से सदन के अंदर उठाएगी. साथ ही जो भाजपा प्रत्याशी निगम पार्षद नहीं बन पाए वह विपक्ष की भूमिका अपने क्षेत्र में निभाएंगे. (BJP will play role of opposition in MCD)
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर बिधूड़ी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद एक तरफ मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री का आशीर्वाद चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना समेत अन्य केंद्र सरकार की योजनाओं को आज तक दिल्ली में लागू नहीं होने दिया है. केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा दिल्ली को अपना पूरा सहयोग देते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कभी भी मिलकर काम नहीं करते हैं.
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