नई दिल्ली:दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कथित पैनिक बटन घोटाले पर एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा विजलेंस डिपार्टमेंट को रिपोर्ट सौंपे जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के लगाए गए सभी आरोप जांच में अभी तक सही साबित हुए हैं. जल्द मामले में आरोपियों का भी खुलासा होगा.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग ने पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. अक्टूबर 2020 में मेसर्स टीसीआईएल ने मेसर्स एमएपीएल के साथ पांच सालों के लिए एक समझौता किया था. इसके मुताबिक हर डीटीसी और क्लस्टर बस में दो वायरलेस वॉकी-टॉकी, तीन सीसीटीवी, एक जीपीएस सिस्टम और दस पैनिक बटन लगाए जाते हैं. इसके रखरखाव शुल्क के रूप में प्रति बस लगभग तीन हजार रुपये प्रति माह चार्ज किया जाता है. दिल्ली में डीटीसी और कलस्टर मिलाकर कुल बसों की संख्या 4,500 तो यानी प्रति माह चार्ज के रूप में एक करोड़ 35 लाख रुपये वसूल किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राजधानी में एक लाख 12 हजार टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं. पहले प्रति टैक्सी नौ हजार रुपए लिए जाते थे (एक लाख 12 हजार के हिसाब से 100 करोड़ 80 लाख रुपये) जो अब बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिए गए. इतना ही नहीं, इसकी रिन्युअल फीस अलग से भी वसूल की जा रही है. इस तरह पांच वर्ष में पैनिक बटन के नाम पर केजरीवाल सरकार ने पांच सालों में 800 करोड़ रुपए वसूल किए हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है कि जब पैनिक बटन काम नहीं कर रहे हैं और इसके माध्यम से एक भी शिकायत दर्ज नहीं की गई तो पैनिक बटन के नाम पर लूटने का काम क्यों कर रहे हैं. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कंट्रोल रूम में अधिकांश डिस्प्ले स्क्रीन काम नहीं कर रहे थे. अधिकांश बसों में कंट्रोल रूम की नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है. इसके अलावा सीसीटीवी निगरानी कक्ष की निगरानी योग्य ऑपरेटरों द्वारा नहीं की जा रही है. वहीं, पैनिक बटन के माध्यम से एक भी शिकायत कंट्रोल और कमांड रूम में दर्ज नहीं की गई है तो यह एक दिखावा ही सिद्ध हुआ.