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फीडबैक स्कैम को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ बीजेपी का विरोध मार्च

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Published : Feb 9, 2023, 12:33 PM IST

Updated : Feb 9, 2023, 1:29 PM IST

फीडबैक यूनिट घोटाले को लेकर आज केजरीवाल सरकार के खिलाफ भाजपा के कार्यकर्ता शहीदी पार्क में एकत्र होकर दिल्ली सचिवालय आईटीओ तक विरोध मार्च निकालेंगे. इसी दौरान बीजेपी के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे.

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नई दिल्ली: फीडबैक यूनिट स्कैम के विरोध में दिल्ली बीजेपी आज केजरीवाल सरकार के खिलाफ एक विरोध मार्च निकलेगी. प्रदर्शनकारी सुबह 11 बजे के करीब आईटीओ के पास शहीदी पार्क में एकत्र होकर दिल्ली सचिवालय आईटीओ तक मार्च करेंगे. दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे.

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी से पूछे थे सवाल

फीडबैक यूनिट को लेकर बीजेपी ने बुधवार को आम आदमी पार्टी से सवाल पूछा था, कि वे बताएं एसीबी एवं सतर्कता विभाग के होते हुए भी आखिर केजरीवाल सरकार ने सेवानिवृत्त लोगों को लेकर एफबीयू की स्थापना क्यों की थी. यूनिट स्थापना के पीछे केजरीवाल सरकार का क्या मकसद था, यदि मकसद साफ होता तो सरकार स्थापना के समय उद्देश्य भी बताती. सीबीआई जांच में सामने आया की एफबीयू ने केजरीवाल सरकार को लगभग 700 रिपोर्ट दीं, वहीं, मुख्यमंत्री बताएं की उन पर क्या कारवाई हुई है.

मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की LG ने दी थी मंजूरी

बता दें कि दिल्ली सरकार के फीडबैक यूनिट मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी उपराज्यपाल ने दे दी है. सीबीआई ने दिल्ली सरकार की फीडबैक यूनिट के गठन व जासूसी का आरोप लगाते हुए सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. इस संबंध में पिछले महीने सीबीआई ने उपराज्यपाल को शुरुआती जांच रिपोर्ट भेजकर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई को मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज करने की मंजूरी दी है. साथ ही इस यूनिट के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई को लेकर गृह मंत्रालय को उपराज्यपाल ने पत्र लिखा है.

फरवरी 2016 में फीडबैक यूनिट का हुआ था गठन

दरअसल दिल्ली सरकार ने फरवरी 2016 में फीडबैक यूनिट का गठन किया था. हालांकि फीडबैक यूनिट शुरू करने के लिए उपराज्यपाल से भी कोई अनुमति नहीं ली गई. तब यूनिट ने 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया था. आरोप है कि फीडबैक यूनिट में फरवरी से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की. फीडबैक यूनिट ने सिर्फ बीजेपी नेताओं की ही नहीं बल्कि आप से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी.

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Last Updated : Feb 9, 2023, 1:29 PM IST

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