नई दिल्ली:दिल्ली में 45 साल बाद आई भयंकर बाढ़ ने जनजीवन को ठप कर दिया है. यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर, यानी 208.27 पर बह रही है. बीते 4 दिनों से दिल्ली में मूसलाधार बारिश नहीं हुई है, लेकिन जलस्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. बाढ़ का पानी निचले इलाकों के बाद अब शहरी इलाकों में प्रवेश कर गया है. इससे लाखों लोग परेशान हैं. वहीं, इन सब समस्याओं पर राजनीति तेज हो गई है. दिल्ली की सत्ता और नगर निगम पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) और मुख्य विपक्षी पार्टी BJP आमने-सामने हैं. कांग्रेस ने भी CM अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है.
राजधानी में बाढ़ से ठप हुई जिंदगी के लिए BJP और कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार को फेल बताया है. जबकि, AAP ने इसे BJP की साजिश करार दिया है. शुक्रवार को तो निरीक्षण के दौरान ही मंत्री सौरभ भारद्वाज LG वीके सक्सेना से भिड़ गए. पार्टी नेता दिलीप पांडेय ने वीडियो ट्वीट कर बाढ़ के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार को दोषी करार दिया. वहीं, दिल्ली वाले पूछ रहे हैं कि इस बाढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है? आइए जानते हैं, किसने क्या कहा...
AAP सरकार पूरी तरह फेलः बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने AAP सरकार पर हमला बोला. उन्होंने सौरभ भारद्वाज पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के पढ़े लिखे जल मंत्री यह नहीं जानते हैं कि एनडीआरएफ का काम रेस्क्यू करना है, न कि दिल्ली जल बोर्ड के रेगुलेटर को ठीक करना. AAP सरकार फेल हुई है. केजरीवाल सरकार के निकम्मेपन की वजह से फौज को बुलाना पड़ा है जल बोर्ड के रेगुलेटर को रिपेयर करने के लिए.
बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली ने उन लोगों को वोट दिया है, जो उसकी मदद के लिए तैयार नहीं हैं. हर समय जब विपदा आती है तब काम करने की जगह वे (AAP) बोलते हैं कि ये गृह मंत्रालय का काम है, ये LG के कारण हुआ है. हरियाणा पानी छोड़ रहा है, पर काम नहीं करते. उनके बयान में पंजाब खो जाता है. कोरोना के समय में केंद्र ने उन्हें ऑक्सीजन दिया था, लेकिन उनके पास ऑक्सीजन रखने के पर्याप्त साधन नहीं थे.
नालों और सीवर की सफाई में फेल है सरकारःबीजेपी सांसद मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी, मीनाक्षी लेखी ने जलभराव का ठीकरा दिल्ली सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि जब इस बात का अंदेशा था तो सरकार पहले से क्यों नहीं इंतजाम करने में लगी? दिल्ली में इससे पहले मानसून के दौरान हथिनी कुंड बैराज से 8 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जाता था. उस समय भी यह स्थिति उत्पन्न नहीं हुई, जो अभी महज चाहे 3.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से हुई है. नालों और सीवर की सफाई का काम अब नगर निगम व दिल्ली सरकार के अधीन है. ऐसे में जो हालात उत्पन्न हुए हैं, उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार और नगर निगम दोनों ने ही अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाया और अंजाम यहां की जनता भुगत रही है.
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के मालिक को बैराज के गेट काटने पड़ रहे. आईआईटी पढे़ लिखे सीएम को नहीं पता, वैसे सबको मालूम है बरसात आने वाली है. गेटों की सर्विस जांच भी केन्द्र सरकार से करवानी थी क्या? तो तुम किसलिए सीएम बने या एलजी साहब ने नहीं करवाने दी?
संजय सिंह ने बाढ़ को बताया साजिशःबिधूड़ी की इस टिप्पणी का दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कुछ यूं जवाब दिया. सौरभ ने लिखा "आपकी आईआईटी और पढ़ाई से चिढ़न मैं समझ सकता हूं. ये आईटीओ बैराज भाजपा शासित हरियाणा सरकार के अधीन है. नीचे पढ़ लेना. कई बार ये बैराज दिल्ली सरकार ने मांगा, मगर नहीं दिया. आपकी भाजपा में कोई सुनता हो तो आप दिल्ली सरकार को दिलवा दो. बताओ, दिलवा दोगे?"
वहीं, अपने मुख्यमंत्री और अपनी पार्टी का बचाव करते हुए AAP सांसद संजय सिंह ने कहा "दिल्ली की बाढ़ केंद्र सरकार की साजिश है. जब दिल्ली में बारिश नहीं हो रही है तो जानबूझकर दिल्ली में पानी छोड़कर इसको क्यों डूबा रही है बीजेपी? बीजेपी वालों शर्म करो! कितनी घटिया राजनीति करोगे?"
वहीं, ट्विटर पर AAP नेता दिलीप पांडेय ने कहा कि गिद्ध तो यूं ही बदनाम हैं. गंदी राजनीति इन्हें भी पीछे छोड़ दे. हथिनीकुंड बैराज से साफ दिखता है कि बड़ी साजिश करके सारा पानी दिल्ली की तरफ छोड़ दिया गया. जबकि, यूपी जाती नहर पूरी तरह से सूखी है. इंसानियत होती तो यमुना का पानी संतुलित तरीके से छोड़कर उचित प्रबंधन करते. संविधान में संघीय व्यवस्था के स्पष्ट नियम हैं. केंद्र-राज्य की शक्ति और दायित्व स्पष्ट है. काला अध्यादेश लाकर दिल्ली राज्य सरकार की शक्तियां छीन लीं. बाढ़ जैसी राष्ट्रीय आपदा में अपने दायित्व से पीछे हटकर केंद्र सरकार दिल्ली में पानी छोड़ रही है. ऐसे कोई देश चलता है, महराज?
कांग्रेस ने केजरीवाल पर साधा निशानाः दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा "दिल्ली में बाढ़ की विकराल स्थिति के कारण लाखों लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं. उनके सामने भूख, बारिश और बुनियादी जरूरतें आदि बड़ी चुनौतियां हैं." उन्होंने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी और हरियाणा की भाजपा सरकार में आपसी सहयोग न होने का खामियाजा दिल्ली की जनता भुगत रही है. दिल्ली सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ित लोगों को राहत पहुंचाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. यदि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल समय रहते बाढ़ के संकट पर उचित प्रयास करते तो स्थिति इतनी भयावह नहीं बनती. केजरीवाल सरकार द्वारा समय पर उचित कदम न उठाने के कारण दिल्ली के बड़े अस्पतालों में पानी भर गया है. यहां तक कि यमुना किनारे दिल्ली के शमशान घाटों को भी पहली बार अंतिम संस्कार करने पर रोक लगानी पड़ी है.
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