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गाजियाबाद में दस महीने में लग जाएगा बायो-सीएनजी प्लांट, कूड़े से बनेगी CNG

इंदौर की तर्ज पर गाजियाबाद में बायो सीएन प्लांट लगाया जा रहा है. दस महीने में बायो-सीएनजी प्लांट का संचालन शुरू हो जाएगा. इसका काम दिसंबर से शुरू हो जाएगा. इसका पहला चरण मार्च में पूरा होगा. सितंबर 2023 के अंत तक प्लांट को पूरी तरह से तैयार कर संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

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गाजियाबाद के नगर आयुक्त नितिन गौड़

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Published : Nov 12, 2022, 6:05 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 100 करोड़ से अधिक में बायो-सीएनजी प्लांट लगने का रास्ता अब साफ हो गया है. दस महीने में Bio-CNG प्लांट का संचालन शुरू हो जाएगा. इंदौर की तर्ज पर गाजियाबाद में अब Bio-CNG प्लांट लगाया जा रहा है. गाजियाबाद के नगर आयुक्त नितिन गौड़ ने बताया डूंडाहेड़ा में Bio-CNG प्लांट लगेगा. कूड़े का निस्तारण करना एक बड़ी चुनौती है. हर दिन गाजियाबाद में उत्पन्न होने वाले कूड़े में से 300 टन वेट वेस्ट को सीएनजी प्लांट में पहुंचाया जाएगा. वेट वेस्ट को प्रोसेस करके बायो-सीएनजी तैयार की जाएगी. पेट्रोल, डीजल और सामान्य सीएनजी की तुलना में बायो-सीएनजी काफी कम प्रदूषण फैलाती है. खास बात यह है कि इस प्लांट को लगाने में नगर निगम का एक भी रुपया खर्च नहीं होगा. साथ ही हर वर्ष नगर निगम को रॉयल्टी के रूप में मोटी रकम मिलेगी.

आसपास के लोगों को नहीं होगी परेशानी

नगर आयुक्त नितिन गौड़ ने बताया डूंडाहेड़ा क्षेत्र में बायो-सीएनजी प्लांट लगने जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं आसपास के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि बायो-सीएनजी प्लांट लगने से किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी. कूड़े को ढककर बायो-सीएनजी प्लांट लाया जाएगा. साथ ही किसी प्रकार की दुर्गंध भी आसपास के इलाकों में नहीं आएगी. बायो-सीएनजी प्लांट लगाने का कार्य दिसंबर में शुरू हो जाएगा, जिसका पहला चरण मार्च में पूरा होगा. सितंबर 2023 के अंत तक प्लांट को पूरी तरह से तैयार कर संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

गाजियाबाद के नगर आयुक्त नितिन गौड़
दस टन Bio-CNG होगी उतपन

300 टन कूड़े का निस्तारण कर दस टन Bio-CNG प्रोड्यूस की जाएगी. तकरीबन 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से Bio-CNG प्लांट लगाया जाएगा. जिसका खर्च प्राइवेट कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा. Bio-CNG से न सिर्फ नगर निगम के वाहन दौड़ेंगे बल्कि बाजार में भी सीएनजी को बेचा जाएगा.

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एसिया का सबसे बड़ा Bio-CNG प्लांट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट का शुभारंभ किया था. देश में इंदौर ऐसा पहला शहर है जहां गीले और सूखे कचरे का 99 फ़ीसदी सेग्रीगेशन होता है. इसके बाद इस कचरे से बायो-सीएनजी गैस बनाई जाती है. मौजूदा समय में बायो सीएनजी गैस से नगर निगम की लगभग 400 से ज्यादा बसें चलाई जा रही हैं. प्लांट को चलाने के लिए जरूरी गीला-सूखा कचरा इंदौर में आसानी से उपलब्ध हो रहा है. 550 मीट्रिक टन की कुल क्षमता के साथ यह संयंत्र 96 प्रतिशत शुद्ध मीथेन गैस के साथ सीएनजी का उत्पादन करता है. संयंत्र को पीपीपी मॉडल और निजी एजेंसी के सहयोग से स्थापित किया गया है.

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