नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी के नाम पर एक गैंग ने लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की. इस ठगी में आरोपियों ने जिन बैंक खातों का इस्तेमाल किया था उनका मैनेजर एक ही शख्स था. बैक मैनेजर ने ठगों की मदद करने के लिए रूपये लिए थे. क्राइम ब्रांच ने आरोपी बैंक मैनेजर संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है.
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी करने वाले शख्स के साथ क्राइम ब्रांच की टीम अतिरिक्त आयुक्त ए.के. सिंगला के मुताबिक साल 2017 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ठगी और प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम के तहत एक FIR दर्ज की थी.
अरुण कुमार नाम के शख्स ने शिकायत में बताया था कि कुछ लोगों ने उनसे करीब 15 लाख रुपये की ठगी की है. उनसे क्रिप्टो करेंसी कैशकॉइन में रुपये लगाने का झांसा देकर ठगी की गई.
शुरू में जब ये कैशकॉइन लॉन्च किया गया तो उसकी कीमत 3.50 रुपये रखी गई. उन्हें बताया गया कि इसकी कीमत बहुत ऊपर तक जाएगी.
क्रिप्टो करेंसी है अवैध
आरबीआई की गाइडलाइन के तहत भारत में बिटकॉइन समेत किसी भी तरह की डिजिटल करेंसी मान्य नहीं है.
वित्त मंत्रालय ने भी इस तरह की करेंसी को मंजूरी नहीं दी है. इस गाइडलाइन के बावजूद कुछ लोगों ने कैशकॉइन नाम से क्रिप्टो करेंसी लॉन्च की और लोगों से करोड़ों रुपये ले लिए. कुछ ही दिनों में कैशकॉइन की कीमत दोगुनी हो गई.
लोगों को झांसा देने के लिए इसे लॉन्च करने वाले गैंग ने बड़े-बड़े फार्म हाउस में फंक्शन-सेमिनार किए. इसके अलावा नेपाल, मुम्बई, गुजरात, चंडीगढ़ और नागपुर में भी कार्यक्रम रखे गए. इनमें बॉलीवुड सितारों तक को बुलाया गया था.
सात आरोपी हुए थे गिरफ्तार
इस मामले की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने नरेंद्र उर्फ सोनू दहिया, आसिफ मलकानी, बलजीत सिंह सैनी, प्रदीप अरोड़ा, सुनील कुमार, पुनीत महेंद्रू और अशोक गोयल को गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया जा चुका है.
आरोपियों ने जयपुरिया बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक खाता बना रखा था, जिसमें उन्होंने ठगी की रकम ली. आरोपियों ने एक्सिस बैंक और यस बैंक में यह ठगी की रकम ली.
बैंक मैनेजर भी गिरफ्तार
पुनीत महेंद्रू ने पुलिस को बताया कि संदीप सिंह दुआ उर्फ सैंडी इस साजिश में शामिल है. संदीप सिंह साल 2016-17 में एक्सिस बैंक अशोक विहार का मैनेजर था. इसके बाद वो यस बैंक पंजाबी बाग शाखा का मैनेजर था. उसे इनके बैंक खातों में आने वाली रकम के बारे में अच्छे से जानकारी थी.
लेकिन आरोपियों से पैसे लेने की वजह से वह उनकी मदद करता रहा. आरोपियों के खाते से संदीप सिंह के खाते में भी रुपये गए थे.
यह भी पता चला कि बैंक की मिलीभगत के बिना इस ठगी को अंजाम नहीं दिया जा सकता था. इस जानकारी पर एसीपी संदीप लाम्बा की देखरेख में इंस्पेक्टर राजीव कुमार की टीम ने संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी गुरुग्राम के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में ब्रांच मैनेजर है.