नई दिल्ली: सिविक सेंटर में स्थित हिंदू राव अस्पताल के पास पिछले 10 साल से फायर एनओसी नहीं है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अनियमितताओं के चलते अस्पताल को अभी तक फायर एनओसी नहीं मिल पाई है. अभी कुछ ही दिन बीते हैं देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में जब आग लगने की दुर्घटना हुई थी. हैरान करने वाली ख़बर ये है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सबसे बड़े अस्पताल यानी बाड़ा हिंदूराव अस्पताल में फायर नॉर्म्स लाइसेंस नही है.
हिंदूराव अस्पताल में लापरवाही खुलेआम यहां सुरक्षा के नियमो की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अस्पताल में पिछले 10 सालों से एक भी बार फायर नॉर्म्स के लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं किया गया है. अस्पताल के अंदर एक भी फायर एक्सटिंग्विशर का सिलेंडर नहीं है. साथ ही साथ आग लगने के समय जो फायर एग्जिट होती है उसकी व्यवस्था भी इस बड़े अस्पताल में दुरुस्त नहीं है.
'अस्पताल की छतें कमजोर'
कुछ जगह तो छत से सीमेंट निकल चुका है और जो पलस्तर बचा है वो कभी भी किसी भी मरीज के ऊपर गिर सकता है. पूरे मुद्दे पर जब हमने कांग्रेस के नेता मुकेश गोयल से बातचीत की तो उन्होंने कहा जब तक कांग्रेस निगम के अंदर व्याप्त थी तब हर एक चीज का पूरा ख्याल रखा जाता था.
फायर नॉर्म्स का लाइसेंस भी लिया जाता था, हर एक चीज डिसिप्लिन तरीके से होती थी लेकिन जब से बीजेपी की सरकार निगम के अंदर आई है तब से तमाम तरह की अनियमितता निगम के अंदर बढ़ती जा रही हैं.
सुरक्षा नियमों की उड़ रही धज्जियां
प्रशासन सही तरीके से काम नहीं कर रहा है हिंदू राव अस्पताल की इतनी दयनीय स्थिति हो गई है कि आज कोई भी मरीज अस्पताल में इलाज कराने नहीं जाना चाहता. अगर भगवान ना करे एम्स की तरह इस अस्पताल में भी आग लग जाती है तो न जाने कितने लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा. अस्पताल के अंदर सुरक्षा के नियमों को ताक पर रखकर उनकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ निगम के अंदर व्याप्त बीजेपी की सरकार होगी.