नई दिल्ली: दिल्ली नशे की आदी है. सामाजिक न्याय मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार यहां के अधिकांश युवा नशे का प्रयोग करते हैं. राजधानी के हाई-फाई क्लब हो या तंग गली या फिर सड़क ही क्यों न हो नशा बैखौफ बेचा जा रहा है. युवा ही नहीं नाबालिग बच्चे भी इस नशे के ग्राहक हैं. दिल्ली में पांच तरह के नशे का प्रकोप है. सबसे अधिक लोग अल्कोहल की गिरफ्त में हैं. इसके बाद हेरोइन, अफीम, कोरेक्स जैसी खांसी की दवा, नशे के इंजेक्शन आदि लेने की लत के शिकार हैं.
दिल्ली में ड्रग हॉटस्पॉट
सुल्तानपुरी, जहांगीरपुरी, इंद्रपुरी, सागरपुर, उत्तम नगर,लक्ष्मी नगर, नंद नगरी, द्वारका, छतरपुर, निजामुद्दीन, मजनू का टीला, पहाड़गंज,कल्याणपुरी, हौज खास गांव और खानपुर, ये वो इलाके हैं जहां गांजे के अलावा दवा के रूप में इस्तेमाल होने वाली नींद की गोलियां, इंजेक्शन आसानी से और सस्ते दाम में मिल जाते हैं.
दिल्ली में ड्रग्स बरामदगी
हेरोइन | 94.276 किलोग्राम |
कोकीन | 1.035 किलोग्राम |
चरस | 24.084 किलोग्राम |
गांजा | 4396.329 किलोग्राम |
अफीम | 29.164 |
(दिल्ली पुलिस द्वारा 2020 में की गई बरामदगी)
आखिर दिल्ली में नशे के बढ़ते प्रकोप का कारण क्या है और इसके क्या नुकसान होते हैं. इसके बारे में नशा छुड़ाने वाली संस्था सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मास (SPYM) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. राजेश का कहना है कि आमतौर पर युवाओं को ये लगता है कि नशा करने से वह कूल लगता है. दोस्तों के साथ पार्टी करने एवं मौज-मस्ती करने में उसे आनंद आने लगता है.
नशे के जाल में फंसे लोगों को इससे बाहर निकालना नामुमकिन नहीं है. डॉ. राजेश ने बताया कि यूथ नशे के बिना भी अलग-अलग तरीके से यह आनंद हासिल कर सकते हैं. क्रिकेट खेलना, फुटबाल खेलना, डांस, म्यूजिक आदि से जो आनंद आपको मिलता है, वह नशे के छोटे से आनंद से बहुत बड़ा होता है. इससे आपको किसी भी तरह का शारीरिक नुकसान नहीं होता बल्कि आपकी फिटनेस बनती है. उन्होंने बताया कि आज के युवा को चाहिए कि वह नशे की जगह जीवन की अन्य गतिविधियों में आनंद की तलाश करे. इससे वह खुद और उसका परिवार सुखी रहेगा.
नशा करने से होगा नुकसान
- नशा शुरुआत में शारीरिक तौर पर नहीं बल्कि मानसिक तौर पर नुकसान पहुंचाता है.
- यह नशा करने वाले शख्स के दिमागी सेल को कमजोर बनाता है.
- धीरे-धीरे वह अपने सोचने की क्षमता खोने लगता है.
- पढ़ने में उसका ध्यान नहीं लग पाता.
- नौकरी करने वाला है काम पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाता. नशा छोड़ने वाले