हैदराबाद: दिल्ली शराब घोटाला मामले (Delhi liquor scam case) के आरोपी शरत चंद्र रेड्डी की कंपनी अरबिंदो फार्मा (Sarath Chandra Reddy company Aurobindo Pharma) विभिन्न बेनामी कंपनियों के माध्यम से दिल्ली के 30 प्रतिशत शराब बाजार को संचालित करती है. ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में शरत चंद्र रेड्डी को भी किंगपिन के तौर पर शामिल किया है. इसके अलावा, ईडी ने दिल्ली में विशेष अदालत को सौंपी अपनी रिमांड रिपोर्ट में भी रेड्डी के खिलाफ कई आरोपों का उल्लेख किया है.
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली शराब नीति में यह प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति दो से अधिक खुदरा क्षेत्रों को नियंत्रित नहीं कर सकता है, लेकिन शरत चंद्र रेड्डी द्वारा संचालित साउथ ग्रुप ने विभिन्न बेनामी फर्मों के माध्यम से दिल्ली के 30 प्रतिशत शराब बाजार का नियंत्रण हासिल कर लिया है. इस प्रकार, दिल्ली में नौ खुदरा क्षेत्र साउथ ग्रुप के नियंत्रण में है. शरत रेड्डी अपनी तीन कंपनियों के माध्यम से पांच खुदरा क्षेत्र चलाते हैं और चार अन्य क्षेत्र वह अपने सिंडिकेट के सदस्यों के जरिए संचालित करते हैं. इस प्रकार भ्रष्ट गतिविधियों के माध्यम से वह दिल्ली के 30 प्रतिशत शराब बाजार को नियंत्रित करते हैं.
शरत चंद्र रेड्डी द्वारा संचालित साउथ ग्रुप सिंडिकेट और अन्य ने विजय नायर के माध्यम से 100 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया था. ये पैसे विभिन्न खुदरा क्षेत्रों और समीर महेंद्रू के स्वामित्व वाले इंडो स्पिरिट्स ने पहले ही हासिल कर लिए थे. इसकी जांच पहले से ही चल रही है. वहीं, ईडी की रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली शराब घोटाले में 34 लोगों ने सबूत मिटाने के लिए अब तक 1.20 करोड़ रुपये के 140 फोन नष्ट कर दिए हैं. इसमें कहा गया है कि इसमें बड़े शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, दिल्ली आबकारी मंत्री समेत कई आरोपी हैं. साफ है कि घोटाले के सामने आते ही फोन बदल दिए गए.
ये भी पढ़ेंः दिल्ली शराब घोटाला : तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से शराब कारोबारी गिरफ्तार
ईडी ने कहा कि हमने अब तक 169 छापेमारी की, जिसमें बड़ी संख्या में डिजिटल और फिजिकल रिकॉर्ड जब्त किए गए. अब शरत रेड्डी से इस ब्योरे के बारे में पूछताछ की जानी है. दिल्ली सरकार को 2,631 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान के संबंध में एक हिरासत में पूछताछ की जानी है. रेड्डी से पहले केंद्रीय एजेंसी इस मामले में दो बार पूछताछ कर चुकी है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया गया है.