नई दिल्ली:भगवान भोलेनाथ का प्रिय सावन माह मंगलवार, चार जुलाई से शुरू हो रहा है. इस महीने में कांवड़िया भोलेनाथ पर जल चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. लोगों का मानना है कि इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती है. वैसे तो भोलेनाथ की हर प्रतिमा आपने आप में अनोखी होती है, लेकिन हम आज आपको ऐसे शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग है.
दरअसल पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर मार्केट और रिहायशी क्षेत्र के बीच स्थित है सात मंजिला मंदिर. यहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में भगवान शिव का विशालकाय पारद शिवलिंग मौजूद है. इस शिवलिंग वजन 151 किलो है. मान्यता है कि पारद शिवलिंग का पूजन करने से व्यक्ति को आरोग्य के साथ सफलता प्राप्त होती है. शिवालय के पुजारी सुनील शास्त्री ने ईटीवी भारत को बताया कि यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग है. इस शिवलिंग को 15 वर्ष पहले यहां स्थापित किया गया था.
उन्होंने बताया कि यह मंदिर 110 साल पुराना होने से साथ, वेस्ट दिल्ली का सबसे बड़ा मंदिर भी है. मंदिर में शिवलिंग का फूलों से श्रृंगार किए जाने के साथ रुद्राभिषेक भी किया जाता है. सावन मास में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पारद शिवलिंग पर जलार्पण करने पहुंचते हैं. मंदिर कमेटी द्वारा सावन में आने वाले कांवड़ियों के लिए खास इंतजाम किया जाता है. इसमें उनके रहने-खाने की व्यवस्था के साथ चाय, नाश्ता, दूध और तीन टाइम के भोजन का इंतजाम किया जाता है. पुजारी ने आगे बताया कि मंदिर में सुबह से दोपहर 12 बजे तक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है. वहीं शाम को फूलों का अभिषेक किया जाता है.
रोज होता है भंडारा:पुजारी ने बताया कि मंदिर में साल के 365 दिन भक्तों के लिए तीन पहर के भंडारे का इंतजाम किया जाता है. इसके अलावा मंदिर में 25 पुजारी कार्यरत हैं, जिनके रहने खाने का इंतजाम भी मंदिर में ही है.