नई दिल्ली: दिल्ली में 180 से ज्यादा थाने हैं, जहां लॉकडाउन के बाद से लगातार पुलिस दिन-रात मेहनत कर रही है. लेकिन, उत्तर-पश्चिम जिला का अशोक विहार थाना इन सबमें बेहद खास है. इसके खास होने की वजह है यहां की महिला एसएचओ आरती शर्मा. अभी के समय में यह दिल्ली का एकमात्र ऐसा थाना है जिसे महिला एसएचओ संभाल रही हैं. वह कोरोना की इस जंग में दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही हैं ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.
अशोक विहार थाने की महिला एसएचओ लॉकडाउन के दौरान कैसे करती हैं काम जानकारी के अनुसार इंस्पेक्टर आरती शर्मा लगभग ढाई साल से अशोक विहार थाने में एसएचओ हैं. वह लॉकडाउन के इस समय में एक तरफ जहां पुलिसिंग कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ लोगों की मदद का काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि इलाके में चोरी और झपटमारी की वारदातें रोकने के लिए पुलिस को दिन रात मेहनत करनी होती है. इसके साथ ही लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस का पालन करवाना बेहद जरूरी है. मजदूरों तक खाना पहुंचाने का काम भी उनके द्वारा लगातार किया जा रहा है.
पिकेट पर कार्रवाई के साथ करते हैं जागरूक
एसएचओ आरती शर्मा के साथ हम एक पिकेट पर पहुंचे, जहां हमने देखा कि वह किस प्रकार से एक तरफ जहां उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें कोरोना वायरस को लेकर जागरुक भी करती हैं. यहां पर अनाउंसमेंट करते हुए वह लोगों को बताती हैं कि किस तरीके से नियमों का पालन करना है. इसके साथ ही वह पुलिसकर्मियों को भी निर्देश देती हैं कि पिकेट ड्यूटी करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
लोगों को जागरूक करतीं एसएचओ आरती शर्मा रोजाना 1000 लोगों के खाने का होता है इंतजाम
एसएचओ आरती शर्मा ने बताया कि उनके क्षेत्र में जेलर वाला बाग और वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में काफी मजदूर रहते हैं. इस क्लस्टर वाले क्षेत्र में लोगों के पास खाने की व्यवस्था नहीं है. यहां पर सरकार के साथ ही दिल्ली पुलिस भी लोगों को रोजाना खाना बांटती है. उन्होंने बताया कि वह मार्केट एसोसिएशन के साथ मिलकर रोजाना 1000 लोगों के लिए खाना बनाती हैं, जिसे दिन-रात वितरित किया जाता है. खाने को वितरित करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने के लिए पुलिस मित्र उनकी मदद करते हैं.
परिवार का मिलता है सहयोग
एसएचओ आरती शर्मा ने बताया कि उनके लिए इस समय कड़ी मेहनत के साथ काम करना संभव नहीं होता अगर परिवार का सहयोग नहीं मिलता. उन्होंने बताया कि उनके घर में पति, बेटे के अलावा बुजुर्ग मां हैं. अभी के समय में घर जाना बेहद ही कम हो पाता है. वह जब घर जाती हैं तो उन्हें पति के हाथ का बना खाना मिलता है. वह परिवार के सदस्यों से वीडियो कॉल पर बात करती हैं. पति की तरफ से शुरू से ही काफी सपोर्ट मिला है जिसके चलते वह लोगों की सेवा दिन-रात कर पा रही हैं. इस काम के चलते ही इलाके के लोग आज फोन कर अपने केस के बारे में नहीं बल्कि उनका हालचाल जानने के लिए फोन करते हैं.