आशा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन नई दिल्ली: देश भर के अलग अलग राज्यों से दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. देश भर से हजारों की संख्या में पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज का प्रदर्शन सरकार को आखिरी चेतावनी है.
दिल्ली के जंतर मंतर पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों से पहुंची महिला आशा कार्यकर्ताओं ने अपने वेतन में बढ़ोतरी और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
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प्रदर्शन में पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सार्वभौमिक रूप से लागू और पर्याप्त वित्तीय आवंटन के साथ एनएचएम को सरकार का स्थायी स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाया जाए. 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू किया जाए. मजदूरों के रूप में नियमितीकरण सभी सामाजिक सुरक्षा हितलाभ सहित प्रति माह 26 हजार रुपये न्यूनतम वेतन और 10 हजार रुपये प्रति माह पेंशन दिया जाए. पूरे देश में एक जैसी कामकाजी परिस्थितियां सुनिश्चित की जाएं.
6 महीने का सवैतनिक मातृत्व अवकाश और 20 दिनों का आकस्मिक अवकाश और चिकित्सा अवकाश सुनिश्चित किया जाए. इसके साथ पदोन्नति नीति बनाया जाए जिससे एएनएम की नियुक्ति में कोटा सुनिश्चित हो. कोविड ड्यूटी के दौरान मृतक सभी आशा वर्कर्स और फैसिलिटेटर्स के उत्तराधिकारियों को 50 लाख रुपये के जीवन बीमा सहित सभी मुआवजे का तत्काल भुगतान किया जाए.
ड्यूटी के लिए यात्रा व्यय का भुगतान किया जाए. बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत आवंटित करने का प्रावधान हो. स्वास्थ्य जैसी सभी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण के प्रस्तावों को वापस लिया जाए. राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन एनडीएचएम को वापस लिया जाए.
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