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आर्य समाज के लोगों ने पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में किया कंबल वितरण - आर्य समाजी लोगों ने कंबल बांटे

राजधानी दिल्ली में पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में रह रहे लोगों को सर्दी से बचाने के लिए आर्य समाज की तरफ से कंबल वितरण का किया गया.

Arya Samaj people distributed blankets in Pakistani refugee camp in delhi
Arya Samaj people distributed blankets in Pakistani refugee camp in delhi

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Published : Jan 20, 2022, 3:22 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में आर्य समाज की तरफ से कंबल वितरण का किया गया. कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान आर्य समाज के पदाधिकारियों ने बच्चों की शिक्षा को लेकर भी चर्चा की. आर्य समाज की तरफ से लिया गया फैसला. पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को आर्य समाज के विद्यालयों में शिक्षा दी जाएगी. बच्चों के भविष्य के लिए अहम फैसला लिया गया है.

राजधानी दिल्ली में सर्दी अपने चरम पर है. लगातार पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद अब मैदानी इलाकों में शीतलहर चल रही है. सर्दी से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने बेसहारा लोगों के लिए भले ही रैन बसेरे बनाए हो लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो रैन बसेरों में नहीं बल्कि सड़कों पर झुग्गियां डालकर रहते हैं.

आर्य समाज के लोगों ने पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में किया कंबल वितरण

उन लोगों की मदद के लिए कुछ लोग समाने आ रहे हैं और गर्म कपड़ों का वितरण कर शर्दी से राहत दे रहे हैं. दिल्ली के मजनू टीला गुरुद्वारे के पास स्थित पाकिस्तानी शरणार्थियों के कैंप में बढ़ती सर्दी के सितम को देख आर्य समाज के लोगों ने गर्म कपड़े और भोजन का वितरण किया.

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आर्य समाज के पदाधिकारी जोगिंदर खट्टर का कहना है कि दिल्ली सरकार भले ही सड़क के किनारे बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरे बनाकर उन्हें सर्दी से बचाने का प्रयास कर रही है लेकिन सबसे ज्यादा जरूरत है बच्चों को शिक्षित करने की है जिससे यह अपने भविष्य को निखार सके आर्य समाज बढ़ाइए निर्णय लिया जा रहा है कि आर्य समाज के विद्यालयों में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कैंप में रह रहे बच्चों को शिक्षा दी जाएगी जोकि किसी तोहफे से कम नहीं है.

आर्य समाज के पदाधिकारी जोगिंदर खट्टर का कहना है कि उनका उद्देश्य यहां रहने वाले बच्चों को शिक्षा देना है. इन बच्चों को शिक्षक बनाना है. यदि यह बच्चे पढ़ पाएंगे तो भविष्य में अपने जीवन में दान लेने वाले नहीं बल्कि शिक्षा ग्रहण कर दान देने वाले बनेंगे.

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