नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों के प्रिंसिपल्स के साथ मीटिंग की. इस दौरान कोरोना काल में खुल रहे स्कूलों की व्यवस्था और आगामी परीक्षा को लेकर चर्चा हुई. मीटिंग के बाद प्रिंसिपल्स को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्राइवेट स्कूलों के सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया.
हालांकि इस दौरान सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को लेकर भी पीठ थपथपाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कोई भी पैसा होने पर प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने को कहता था, लेकिन आजकल प्राइवेट से निकालकर सरकारी स्कूलों में बच्चे डाले जा रहे हैं और सभी के पास च्वाइस है कि वे सरकारी में पढ़ाना चाहते हैं या प्राइवेट में.
'सरकारी और प्राइवेट हैं, दो बाहें'
मुख्यमंत्री ने प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल्स और संचालकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग भी हमारे लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं. हमारी दो बाहें हैं, प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल. प्राइवेट अस्पतालों का भी इस दौरान सीएम केजरीवाल ने जिक्र किया कहा कि कोरोना के दौरान इसका जीता जागता उदाहरण दिखा, जब प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों ने साथ मिलकर काम किया.
'प्राइवेट से राय करके लिए फैसले'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के दौरान के दिल्ली के प्रयासों का देशभर में जिक्र हो रहा है. देश के कई शहरों में सरकार के अनाप शनाप ऑर्डर्स के कारण प्राइवेट अस्पताल वालों को ताला लगाना पड़ा. लेकिन दिल्ली में हमने सबसे राय विचार करके फैसले लिए. प्रिंसिपल्स और संचालकों के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपकी ऑटोनोमी का सम्मान करते हैं.