नई दिल्ली: दिल्ली के विज्ञान भवन में जीएसटी काउंसिल की 50वीं मीटिंग चल रही है. इसमें कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए हैं. बैठक से पहले आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीलवाल नें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को ईडी के साथ सूचना आदान-प्रदान की मिली अनुमति को बेहद खतरनाक बताया. CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और देश के व्यापारियों के साथ हैं.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि व्यापारियों का एक बहुत बड़ा हिस्सा जीएसटी नहीं देता- कुछ मजबूरी में, कुछ जानबूझकर. केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले जीएसटी को भी ED में शामिल कर दिया. यानी अब अगर कोई व्यापारी GST नहीं देता तो ED उसे सीधे गिरफ्तार करेगी और बेल भी नहीं मिलेगी. जीएसटी प्रणाली इतनी जटिल है कि जो लोग पूरा GST भी दे रहे हैं, उन्हें किसी प्रावधान में फंसाकर जेल में भी डाला जा सकता है. यानी देश के किसी भी व्यापारी को केंद्र सरकार जब चाहे जेल भेज देगी. ये बेहद खतरनाक है. व्यापारी व्यापार करने की बजाए अपने को बस ईडी से बचाता फिरेगा. देश के छोटे-छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में आ जाएंगे. ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक है.
व्यापारी सरकार के इस कदम से परेशान:व्यापारिक संस्था चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने इस मामले पर पहले ही चिंता व्यक्त कर चुकी है. CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि 7 जुलाई को वित्त मंत्रालय की ओर से आए नोटिफिकेशन से व्यापारी परेशान हैं. इसमें जीएसटी को PMLA (ED) से जोड़ा गया है.