नई दिल्ली:देशभर में हर साल दशहरा का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान देशभर में बुराई के प्रति अहंकारी रावण का पुतला दहन भी किया जाता है. मान्यता है कि हिंदू धर्म में दशहरे के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की और अंधकार पर रोशनी की जीत का प्रतीक माना गया है. देश भर में रामलीलाओं का मंचन हो रहा है. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली में दशहरा को लेकर रावण कुंभकरण, मेघनाथ के पुतले को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है.
कई पीढ़ियों से परिवार बना रहा पुतला:राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में रावण का पुतला बनाने वाले कलाकारों की कहानी कई वर्षों पुरानी है. आजादी के बाद से जब से रामलीला का आयोजन हो रहा है तब से यह परिवार हर वर्ष रावण के पुतले को बनता है. हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले मनोज कुमार बताते हैं कि रावण का पुतला बनाना पुश्तैनी काम है. दादा, परदादा समेत कई पीढ़ियों से यह काम चलता आ रहा है. वह अभी देहरादून में रावण का पुतला बनाकर आए हैं . अब यहां रामलीला मैदान में अपने परिवार और 25 कारीगरों के साथ मिलकर रावण का पुतला बना रहे हैं.