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श्रीराम की सबसे नन्ही भक्त गिलहरी, अयोध्या के राम मंदिर में प्रदर्शित होगी कलाकार कमल किशोर की बनाई पेंटिंग

Ram Mandir Inauguration: रामसेतु बनाने में नन्ही गिलहरी ने भी अपना अमूल्य योगदान दिया. जो भगवान राम को बेहद प्रिय थी. दिल्ली के कलाकार कमल किशोर ने गिलहरी के साथ श्रीराम की पेंटिंग बनाई है. जिसे 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन प्रदर्शित किया जाएगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 17, 2024, 2:09 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 2:58 PM IST

राम मंदिर में प्रदर्शित होगी कलाकार कमल किशोर की बनाई पेंटिंग

नई दिल्ली: कलाकार कमल किशोर की बनाई गई प्रभु श्रीराम की गिलहरी को स्नेह करते हुए पेंटिंग अयोध्या में प्रदर्शित होगी. इसे लेकर वह बेहद खुश हैं. उनकी बनाई गई यह पेंटिंग बेहद खास है जिसमें भगवान श्रीराम और उनकी नन्ही गिलहरी दिख रही है. पेंटिंग के पीछे रामसेतु नजर आ रहा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण द्वारा माता सीता के हरण के बाद उन्हें वापस लाने के लिए भगवान राम को सेना सहित लंका जाना था. लेकिन लंका चारों तरफ से समुद्र से घिरा था. समुद्र को पार करके ही लंका जाया जा सकता था. तब राम सेना ने समुद्र पर सेतु बनाना शुरू किया. उस राम सेना में यह गिलहरी भी थी.

कमल किशोर ने बताया कि बचपन से ही उन्हें चित्रकारी और मूर्तियां बनाने का शौक था. जैसे-जैसे वह बड़े हुए उन्होंने अपने शौक को प्रोफेशन में बदल दिया. उनका कहना है कि उनके दादा बिकारी लाल रस्तोगी, पिता श्राराम किशोर रस्तोगी. संघ परिवर से जुड़े थे. ऐसे में बचपन से वह प्रभु श्रीराम की भक्ति से जुड़ गए. उन्होंने बताया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रभु श्रीराम के व्यक्तित्व पर आधारित नोएडा में एक पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कराई गई थी. इसमें उन्होने प्रभु श्री राम की गिलहरी को स्नेह करते हुए पेंटिंग बनाई. उनकी यह पेंटिंग सेलेक्ट हुई. यह पेंटिंग प्रदेश सरकार के पास है.

कारसेवा के दौरान कमल किशोर की तस्वीर

कमल किशोर का कहना है कि विभिन्न चित्रकारों के साथ प्रभु श्रीराम की उनकी बनाई यह पेंटिंग जल्द ही अयोध्या में प्रदर्शित की जाएगी. कमल किशोर ने कहा कि उन्होंने पेंटिंग में राम सेतु निर्माण में मदद करने वाली गिलहरी की पेंटिंग बनाई है. इससे उन्होंनें यह संदेश दिया है कि जिस तरह प्रभु श्रीराम ने समाज के वंचित लोगों को साथ लेकर असत्य पर सत्य की लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की उसी तरह आज लोगों को वंचितों व पिछड़ों को भी साथ लेकर चलने की जरूरत है.

कमल किशोर ने बताया कि वह मूल रूप से वह उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के मिलक तहसील के रहने वाले हैं. वर्तमान में वह दिल्ली से सटे वैशाली में परिवार के साथ रहते हैं. उन्होंने बताया कि उनका परिवार संघ से जुड़ा है. 1990 में वह 12वीं कक्षा में पढ़ते थे. उनके पिता राम किशोर अयोध्या जाकर कारसेवा में शामिल होने में असमर्थ थे. लेकिन उन्होंने कमल किशोर को पढ़ाई के दौरान ही कारसेवा में शामिल होने के लिए भेज दिया. घर से वह लोगों के समूह में निकल पड़े. लखनऊ में ट्रेन रोक दी गई. इसके बाद पैदल जाना पड़ा. रास्ते में हर कदम पर मुश्किलें आई, लेकिन हिम्मत नहीं हारे.

कमल किशोर

दिन के उजाले में झाड़ियों में छिपते और रात के अंधेरे में प्रभु श्रीराम का कार्य पूरा करने के लिए अयोध्या की तरफ कूच करते. उन्होंने बताया कि कई बार भूखे रहना पड़ा. कई बार गांव के लोग खाने को दे देते थे. वह दो बार कर सेवा में शामिल हुए और बहुत सी मुश्किलों का सामना किया. अब राम मंदिर बन रहा है और आगामी 22 जनवरी को अयोध्या के राम मदिंर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है. इसे लेकर वह और उनका पूरा परिवार खुश है.

Last Updated : Jan 17, 2024, 2:58 PM IST

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