नई दिल्ली: रेलवे ट्रैक पर आर्मी कैप्टन दिवाकर पुरी का शव मिलने का मामला उलझता नजर आ रहा है. दिवाकर के परिवार का आरोप है कि साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है.
उनका कहना है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकता. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे इस मामले की सीबीआई से जांच करवाएं ताकि सच सामने आ सकें. उन्होंने पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है.
पिता भी हैं सरकारी कर्मचारी
दिवाकर के पिता जीएल पुरी सरकारी कर्मचारी हैं. उन्होंने बताया दिवाकर बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार था. 12वीं के बाद उसका आर्मी में सेलेक्शन हो गया था और वहीं पर उसने डॉक्टरी की पढ़ाई की. उसी समय उसे लेफ्टिनेंट का पद मिल गया था और लगभग ढाई साल पहले पढ़ाई पूरी करने के बाद वो कैप्टन बन गया था.
लखनऊ में हुई थी ट्रेनिंग
हाल ही में उसकी 7 सप्ताह की लखनऊ में ट्रेनिंग हुई थी. जिसे पूरी करने के बाद वो लौट रहा था. इसके बाद उसकी पोस्टिंग अनंतनाग के पुलवामा में की गई थी. जहां उसे अगले सप्ताह ज्वाइंन करना था.
दो दिन पहले हुई थी आखिरी बार बात
जी एल पुरी ने बताया कि दो दिन पहले ही उनकी आखिरी बार दिवाकर से बात हुई थी. उसने बताया था कि उसे हवाई जहाज की टिकट नहीं मिल रही है. जिसकी वजह से वो श्रमजीवी एक्सप्रेस में आ रहा है.
सुबह जब वो घर नहीं पहुंचा तो उन्होंने उसके फोन पर संपर्क किया. उसका फोन बज रहा था. लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. इसके बाद जब वो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो पता चला कि उसका सामान उसकी सीट पर मिला है. लेकिन दिवाकर का कुछ पता नहीं चला.