नई दिल्ली:दिल्ली में प्रदूषण पिछले दो दिन से खराब श्रेणी में बना हुआ है. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के पहले चरण की पाबंदियां लागू रहेंगी. प्रदूषण के रोकथाम को लेकर विभिन्न कवायद की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रदूषण कम नहीं हो रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शनिवार शाम जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 216 दर्ज किया गया. वहीं एनसीआर में सबसे ज्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा रहा, जहां एक्यूआई 292 दर्ज किया गया. वहीं नोएडा का एक्यूआई 250 दर्ज किया गया.
इन इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्थिति में: दिल्ली में चार इलाके सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं जिसमें शादीपुर, वजीरपुर, बवाना और मुंडका शामिल है. इन इलाकों में एक्यूआई 300 के पार चला गया है. वहीं दिल्ली के 18 इलाकों में एक्यूआई 200 से 300 के बीच है. इसके अलावा अन्य जगहों का एक्यूआई 100 से 200 के बीच है.
इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण:पर्यावरणविद डॉ जितेंद्र नगर ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खूब पराली जलाई जा रही है, जिसका धुआं दिल्ली एनसीआर की आबोहवा को प्रदूषित कर रहा है. साथ ही वाहनों के दबाव व बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयों के साथ जगह-जगह चल रहे निर्माण कार्य से भी प्रदूषण बढ़ रहा है.
ग्रैप के पहले चरण की पाबंदियां-
- 10 साल से अधिक पुराने डीजल व 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के चलाने पर रोक रहेगी. इनके खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जाएगा.
- कूड़ा जलाने (बायोमास बर्निंग) पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करने वालों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.
- होटलों, ढाबों आदि में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा, जिसका उल्लंघन करने पर जुर्माना लगेगा.