नई दिल्ली:कोरोना को लेकर अमेरिका की मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा का प्रयोग आज दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में किया जाना है. इससे पहले यह दवा मेदांता अस्पताल में भर्ती 84 साल के एक मरीज को दी गई. ये देश के पहले ऐसे मरीज हैं, जिनको यह दवा दी गई है. जिसके बाद अब इसका प्रयोग दिल्ली के ओखला स्थित फोर्टिस अस्पताल में मरीज पर किया जाना है.
आज फोर्टिस अस्पताल में होगा कॉकटेल ड्रग का प्रयोग, जानें कोरोना की इस दवा के बारे में
कोरोना की एंटीबॉडी दवा कॉकटेल ड्रग का प्रयोग आज दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में किया जाना है. इससे पहले यह दवा मेदांता अस्पताल में भर्ती 84 साल के एक मरीज को दी गई थी.
क्या है मोनोक्लोनल एंटीबॉडी
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी एक इम्यूनिटी बूस्टर की तरह काम करती है. इसे कोरोना के मरीजों में 70 फ़ीसदी तक कारगर माना गया है. इस दवा को देने के लिए 30 मिनट का समय लगता है. बताया जा रहा है कि यह दवा दो दवाओं के मिश्रण से बनी है. इसीलिए इसका नाम कॉकटेल ड्रग रखा गया है. इसमें एंटीबॉडी 'कासिरिविमैब' और 'इमडेविमैब' का इस्तेमाल किया गया है. ये दवा अमेरिका के मोनोक्लोनल एंटीबॉडी स्टैंडर्ड ऑफ केयर की है. भारत में फार्मा कंपनी राशि और सिप्ला ने मिलकर इस एंटीबॉडी कॉकटेल को लॉन्च किया है.
भारत सरकार ने दी अनुमति
भारत सरकार ने इस दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अनुमति दे दी है. बताया जा रहा है कि भारत में इस दवा का वितरण सिप्ला कंपनी करेगी. जानकारी के अनुसार राश कंपनी ने 10 हजार डोज केंद्र को डोनेट किए हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार राज्य को बांट रही है हरियाणा सरकार को 590 डोज़ दिए गए हैं. बता दें यह दवा चर्चा में तब आई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें दी गई थी.