Delhi pollution: गर्मी में सर्दियों वाला प्रदूषण, आनंद विहार में बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा प्रदूषण का लेवल - anand vihar air quality
दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों प्रदूषण चरम पर है. आनंद विहार इलाके में शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 345 दर्ज किया गया है. आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता इस कदर गंभीर है कि इससे स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो सकता है.
नई दिल्ली: दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान के पार पहुंचा हुआ है. ऐसा अमूमन सर्दियों में होता है. लेकिन इन गर्मियों में दिल्ली का मौसम भी कुछ ऐसा ही हो गया है. पूरे दिल्ली-एनसीआर में 1 सितंबर (शुक्रवार) की सुबह आनंद विहार सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा. यहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है. ऐसे में अस्थमा या सांस के मरीजों को सांस लेने में परेशानी भी हो सकती है. अभी प्रदूषण और बढ़ाने की आशंका बनी हुई है.
क्वालिटी इंडेक्स 345 दर्ज किया गया:केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े देखें तो दिल्ली-एनसीआर में आनंद विहार में प्रदूषण सबसे ज्यादा रहा. शुक्रवार सुबह आनंद विहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 345 दर्ज किया गया. गर्मी में लगातार प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में बना रहना लोगों की स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है.
इन कारणों से बढ़ा प्रदूषण:रक्षाबंधन को लेकर बड़ी संख्या में आनंद विहार बस अड्डे और गाजियाबाद के कौशांबी डिपो से बसों का संचालन हो रहा था. बड़ी संख्या में लोग घर जाने के लिए बस अड्डे पर पहुंच रहे हैं. आनंद विहार बस अड्डे के सामने की सड़क से भी निजी बसों का संचालन हो रहा है. इससे यहां जाम की भी स्थिति बन रही है. यहां रैपिड ट्रेन का भी काम चल रहा है. इन कारणों से आनंद विहार में प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है. तेज हवा चलने या वर्षा होने पर ही लोगों को प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है.
निर्माण कार्य की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण
कितने ख़तरनाक स्तर पर प्रदूषण?
प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए एयर क्वॉलिटी इंडेक्स देखा जाता है.
आनंद विहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स शुक्रवार सुबह 345 दर्ज किया गया है. इसे 'बेहद खराब' श्रेणी का माना जाता है.
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 50 से कम हो तो सबसे बेहतर माना जाता है.
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 'बेहद खराब' कैटिगरी का मतलब है कि लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सांस की बीमारी हो सकती है.
फेफड़े और दिल की बीमारियों वाले लोगों पर प्रभाव अधिक खतरनाक हो सकता है.
एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की स्थिति:
शहर
प्रदूषण की स्थिति
दिल्ली
141
फरीदाबाद
145
गुरुग्राम
156
गाजियाबाद
146
ग्रेटर नोएडा
179
नोएडा
110
गर्मी में सर्दियों वाला प्रदूषण कितना खतरनाक गर्मियों में धूल की मात्रा हवा में ज़्यादा हो तो ख़तरा ज्यादा बढ़ जाता है. धूल, गाड़ियों से निकलने वाले दूसरे प्रदूषण वाले कण के साथ चिपककर अधिक खतरनाक हो जाती है. इससे सांस लेने में दिक्कत आती है. सूखापन और गर्मी दोनों इस समस्या को और गंभीर बनाते हैं. इस मौसम में धूल, दूसरे जहरीले कण के लिए कैरियर का काम करती है. ऐसे में ज़रूरत है कि धूल को कम करने वाले उपायों पर विचार किया जाए.