नई दिल्ली:दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के 18 आरोपियों को आज दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होंगे आरोपी
पिछले 16 फरवरी को कोर्ट ने सफूरा जरगर को छोड़कर सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज तक के लिए बढ़ाया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों को जेल से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये पेश करने का आदेश दिया था. दरअसल सभी आरोपियों ने कहा था कि कोर्ट से जेल ले जाने के बाद उन्हें आइसोलेशन में रखा जाता है. इसलिए उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही पेश करने की अनुमति दी जाए. तब कोर्ट ने सभी आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश करने का आदेश दिया.
जान-बूझकर मीडिया ट्रायल चलाने का आरोप
पिछले 19 जनवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 2 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया था. 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी के बाद उमर खालिद ने कहा था कि उसके खिलाफ जानबूझकर मीडिया ट्रायल चल रहा है. उसके खिलाफ ऐसे रिपोर्टिंग की जा रही है जैसे वह दोषी है. उसने कहा कि इससे निष्पक्ष ट्रायल पर असर पड़ सकता है.
उमर खालिद ने कहा था कि पहले की सुनवाई के दौरान उसने कोर्ट में ये बातें रखी थीं.उसके बावजूद भी फ्रंट पेज की खबर बन रही है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन ने दंगों की साजिश रची. यह तब है जब कि डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में साफ लिखा गया है कि हस्ताक्षर करने से मना किया गया.
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इसका सीधा मतलब है कि पुलिस कुछ भी लिख सकती है. इन बयानों का कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि ये मामला हमारे पास है और हम कुछ बोलना नहीं चाहते.कोर्ट ने उमर खालिद से कहा था कि अगर वो चाहता है तो वो अपने वकील को कहे कि संबंधित मीडिया रिपोर्ट को अर्जी में शामिल करे.
दंगों के लिए साजिश रचने का आरोप
कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को क्राइम ब्रांच की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का मामला चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं. 26 दिसंबर 2020 को क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने, और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओ के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 100 पेजों के इस चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगो की योजना बनाने के लिए मीटिंग की.
इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए.इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है.चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ताधर्ता इंतजाम करते थे.
यूएपीए में चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुकी है
बता दें कि 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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