नई दिल्ली:पिछले 19 जनवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज तक के लिए बढ़ा दी थी. 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी के बाद उमर खालिद ने कहा था कि उसके खिलाफ जान बूझकर मीडिया ट्रायल चल रहा है. उसके खिलाफ ऐसे रिपोर्टिंग की जा रही है, जैसे वह दोषी है.
उसने कहा कि इससे निष्पक्ष ट्रायल पर असर पड़ सकता है. उमर खालिद ने कहा था कि पहले की सुनवाई के दौरान उसने कोर्ट में ये बातें रखी थीं. उसके बावजूद भी फ्रंट पेज की खबर बन रही है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन ने दंगों की साजिश रची. यह तब है जब कि डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में साफ लिखा गया है कि हस्ताक्षर करने से मना किया गया. इसका सीधा मतलब है कि पुलिस कुछ भी लिख सकती है.
इन बयानों का कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि ये मामला हमारे पास है और हम कुछ बोलना नहीं चाहते। कोर्ट ने उमर खालिद से कहा था कि अगर वो चाहता है तो वो अपने वकील को कहे कि संबंधित मीडिया रिपोर्ट को अर्जी में शामिल करे.
चार्जशीट कोर्ट में आने से पहले ही सार्वजनिक हो जाती है
पिछले 7 जनवरी को सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने आरोप लगाया था कि जब उसे चार्जशीट नहीं मिली थी. उसके पहले से ही वो मीडिया में लीक कर दी गई थी.कोर्ट ने इस मामले पर दिल्ली पुलिस को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. उमर खालिद ने कोर्ट को बताया था कि उसे चार्जशीट की कॉपी मिल चुकी है.
उमर खालिद ने चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार को बताया था कि उसने चार्जशीट में बताए गए किसी बयान पर हस्ताक्षर नहीं किया है. कोई भी व्यक्ति उस कागज पर लिख सकता है. उमर खालिद ने कहा था कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि चार्जशीट कोर्ट में आने से पहले ही सार्वजनिक हो जाती है.
दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं
उमर खालिद ने कहा था कि वो पिछले 4 महीने से हिरासत में है. उसके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं. उसके बारे में अखबारों में खबरें पढ़कर काफी चिढ़ होती है. उमर खालिद ने कहा था कि उसे दिल्ली पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है, केवल कोर्ट पर भरोसा है. उसने कोर्ट से आग्रह किया था कि ऐसी घटना आगे नहीं है. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
दंगों के लिए साजिश रचने का आरोप