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हाईकोर्ट और निचली अदालतों के सभी अंतरिम आदेश 31 अगस्त तक बढ़े - delhi lower courts interim orders

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट और दिल्ली की निचली अदालतों की ओर से पारित सभी अंतरिम आदेशों को 31 अगस्त तक बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है. हाईकोर्ट और निचली अदालतों में पहले ही 15 जुलाई तक कामकाज निलंबित किया जा चुका है.

all interim orders of delhi highcourt and lower courts extended till 31 august
सभी अंतरिम आदेश 31 अगस्त तक बढ़ाए गए

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Published : Jul 13, 2020, 2:22 PM IST

नई दिल्ली: 31 अगस्त तक दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट और दिल्ली की निचली अदालतों की ओर से पारित सभी अंतरिम आदेशों को बढ़ाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान कहा कि कोरोना टेस्टिंग कैंप में जांच के दौरान हाईकोर्ट के चार से पांच कोर्ट स्टाफ कोरोना से संक्रमित मिले हैं. उनमें अभी कोराना के लक्षण नहीं उभरे थे.

सभी अंतरिम आदेश 31 अगस्त तक बढ़ाए गए
31 अगस्त तक बढ़ाने का आदेश


हाईकोर्ट के आदेश का मतलब ये है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी मामले में हाईकोर्ट या निचली अदालत ने 15 जुलाई या उसके पहले तक कोई अंतरिम आदेश दे रखा है तो वह 31 अगस्त तक जारी रहेगा.

कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट और निचली अदालतों के किसी भी मामले में यहां तक की रोक, जमानत, पेरोल से जुड़े मामले जिसमें 15 जुलाई या उसके पहले के अंतरिम आदेश दिए गए हैं, उनकी समय सीमा खत्म हो गई है या खत्म होने वाली है. उन मामलों में अंतरिम आदेश 31 अगस्त तक बढ़ाए जाते हैं.

15 जुलाई तक अदालतों में बंद कामकाज


पिछले 15 जून को हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों को 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया था. हाईकोर्ट और निचली अदालतों में पहले ही 15 जुलाई तक कामकाज निलंबित किया जा चुका है. उसके पहले मार्च महीने में हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेश 15 मई तक बढ़ाने का आदेश दिया था.

ये आदेश कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से दिया गया है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में पिछले 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया है. दिल्ली में लॉकडाउन की वजह से दिल्ली की सभी अदालतों में अति सीमित कामकाज चल रहा है.


सभी संबंधित पक्षों को आदेश भेजा

कोर्ट ने यह आदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण, नगर निगमों, निचली अदालतों के सभी बार एसोसिएशंस और जिला अदालतों को भेज दिया है. कोर्ट ने कहा कि उसके इस आदेश से अगर किसी पक्षकार को कोई असुविधा होती है, तो वह उचित राहत के लिए अर्जी दायर कर सकता है.

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