नई दिल्ली:सर्दी के मौसम में दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा कर दी. मुख्यमंत्री केजरीवाल का दावा है कि पिछले कुछ सालों में दिल्लीवासियों की मेहनत से प्रदूषण के स्तर में करीब 30 फीसदी की कमी आई है.
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट का डेटा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 31 फीसदी प्रदूषण दिल्ली के आंतरिक स्रोतों की वजह से होता है, जबकि 69 फीसदी बाहरी स्रोतों की वजह से होता है. प्रदूषण बढ़ने पर सख्ती से ग्रैप को लागू किया जाएगा. दिल्ली सरकार का 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान जानिए...
13 हॉटस्पॉट के लिए विशेष एक्शन प्लान:दिल्ली के अंदर 13 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं, जहां ज्यादा प्रदूषण होता है. हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है. इसके लिए एक वॉर रूम बनाया गया है. 13 विशेष टीमें बनाई गई हैं.
पराली:पिछले तीन वर्षों से दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डी-कंपोजर का मुफ्त में सफलता पूर्वक छिड़काव किया. पिछले साल 4400 एकड़ खेत में बायो डीकंपोजर का छिड़काव किया था. इस साल 5000 एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जाएगा.
धूल-प्रदूषण:निर्माण साइट्स पर निगरानी रखने के लिए कई टीमें बनाई गई. 500 वर्गमीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट को डस्ट कंट्रोल करने के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा. वहीं, 5 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा. सड़कों पर सफाई के दौरान उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए 82 मैकेनिकल रोड स्पीपिंग मशीन लगाई गई है. इसके अलावा 530 वाटर स्प्रिंकलर मशीन और 258 मोबाइल एंटी स्मॉग गन सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए लगाई जाएंगी.
वाहन प्रदूषण: वाहन से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी. 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए 385 टीमें गठित की गई है. दिल्ली में अत्यधिक ट्रैफिक वाली 90 सड़कों की पहचान की गई है. इन सड़कों पर ट्रैफिक कम करने के लिए वैकल्पिक रूट उपलब्ध कराए जाएंगे.
खुले में कूड़ा जलाने पर रोक:दिल्ली के अंदर खुले में कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. इसकी निगरानी के लिए 611 टीमों का गठन किया गया.
औद्योगिक प्रदूषण:दिल्ली में स्थित सभी 1727 औद्योगिक इंडस्ट्रीज अब पीएनजी से संचालित होती है. इसकी निगरानी के लिए 66 टीमों का गठन किया गया है. ये टीमें सुनिश्चित करेंगी कि ये ईकाइयां किसी भी अनधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग तो नहीं कर रही है.
ग्रीन वॉर रूम:मॉनिटरिंग के लिए एक ग्रीन वॉर रूम बनाया गया है, जिसके जरिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी. यहां सभी एजेंसियों द्वारा हर दिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी और अगले दिन की योजना बनाएगी.