नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) जहां से पढ़ाई करने का सपना हर युवा छात्र का होता है. हालांकि जेएनयू में दाखिला पाना सभी के बस की बात नहीं. लेकिन जेएनयू के इतिहास को देखें तो यहां से पढ़ाई कर कई छात्र अपने संस्थान का नाम रोशन कर चुके हैं. इन्हीं में से एक हैं प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित. शांतिश्री जेएनयू की पहली महिला कुलपति भी हैं और वह जेएनयू की पूर्व छात्र रही हैं. शांतिश्री ने गत वर्ष जेएनयू की कुलपति पद का भार संभाला था. वह यहां पर अपने 5 साल के कार्यकाल को पूरा करेंगी. साथ ही 5 साल के कार्यकाल में उनका एक साल पूरा हो चुका है. आज हम आपको शांतिश्री के एक साल के कार्यकाल के दौरान जेएनयू ने क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की. इस पर बात करेंगे.
शैक्षणिक वातावरण को मजबूत किया:जेएनयू में बीते एक साल के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने अकादमिक के समन्वय, सुव्यवस्थित, निगरानी और मूल्यांकन के अपने मुख्य कार्य को पूरा करके विश्वविद्यालय में एक सकारात्मक और अनुकूल शैक्षणिक वातावरण को मजबूत किया है. इस दौरान कुल 44 फैकल्टी सीएएस मामले पूरे कर लिए गए हैं और पदोन्नत किए गए हैं. साथ ही दिसंबर 2019 से पहली बार संकाय सदस्यों और छात्रों को दो बार दो अवकाश देने की घोषणा हुई. पहला अवकाश 27 जून से 9 जुलाई 2022 और 1-15 जनवरी 2023.
महिलाओं को उच्च पदों पर हुई नियुक्ति:जेएनयू में महिलाएं प्रशासनिक पदों पर आसीन हैं. महिला कुलपति के कार्यकाल से पहले 19 उच्च पदों पर महिलाएं थी. वहीं 1 फरवरी 2023 तक 38 प्रशासनिक पदों पर महिलाएं आसीन हैं, जिससे महिलाएं भी जेएनयू के कामकाज में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएं. जेएनयू ने अक्टूबर 2022 में इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस से मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन किया. साथ ही पहली बार जनवरी 2023 में जेएनयू में तमिल अध्ययन के लिए विशेष केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई. तमिलनाडु सरकार 'तमिल अध्ययन के लिए विशेष केंद्र' के लिए 5 करोड़ (दिसंबर 2022) दिए. जेएनयू ने लगभग 2494 करोड़ के एचईएफए अनुदान के लिए आवेदन किया है, जिससे परिसर में विभिन्न शैक्षणिक भवनों का निर्माण/आधुनिकीकरण किया जाएगा. जेएनयू की पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए स्प्रिंगर नेचर के साथ समझौता. इसके अलावा 9 नए प्रोग्राम शुरू किए गए.