नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय (जेएनयू) में शनिवार देर शाम एबीवीपी-जेएनयू के द्वारा साबरमती ढ़ाबा पर पश्चिम बंगाल की सरकार के खिलाफ पुतला दहन किया गया. स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा जाधवपुर विश्वविद्यालय के स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र की नृशंस हत्या के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि छात्र की नृशंस हत्या के बाद भी सरकार ने अपराधियों को बचाने की दिशा में लगातार काम किया है. इससे पता चलता है कि देश भर के विश्वविद्यालय परिसरों में वामपंथी गुट किस प्रकार छात्रों को निशाना बना रहे हैं.
क्या बोले एबीवीपी अध्यक्ष: एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा कि "देशभर के विश्वविद्यालय परिसरों में वामपंथी गुंडे विशेषकर एसएफआई युवा प्रतिभाओं को निशाना बनाते है. उन्हें प्रताड़ित करते हैं और उनकी हत्या कर दे रहे हैं. लगातार कैंपसो में एसएफआई द्वारा की जाने वाली बलात्कार और हत्या की गंभीर घटनाएं आती रहती हैं. एबीवीपी ने इसका विरोध करते हुए सामाजिक न्याय और छात्रकल्याण की दिशा में अपनी संलिप्तता को पुनः दिखाया है.हम उम्मीद करते हैं कि समाज और न्यायप्रिय ताकतें इस संघर्ष के समर्थन में उठेंगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी.
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क्या बोले इकाई मंत्री: एबीवीपी के इकाई मंत्री विकास पटेल ने कहा, "इस हत्या से पूरा विश्वविद्यालय समुदाय स्तब्ध है.टीएमसी सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है और एसएफआई के कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए उनका विरोध कर रहे अभाविप के कार्यकर्ताओं को गंभीर धाराओं में गिरफ्तार कर लिया.अभाविप, जादवपुर विश्वविद्यालय में स्वप्नदीप की हत्या के दोषी वामपंथियों को कठोर दण्ड दिलाने के लिए अंतिम क्षण तक संघर्ष करने के लिए हम प्रतिबद्ध है. विश्वविद्यालय परिसरों में लगातार एसएफआई द्वारा छात्रों से हिंसा, बलात्कार आदि किया जा रहा है. इससे विद्यालय परिसरों में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है. 25 अगस्त के दिन एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री, याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय मंत्री बिराज विश्वास के साथ साथ अन्य कई कार्यकर्ता ने जब इस घटना के खिलाफ आवाज उठाई और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक कार्रवाई की मांग की तो पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें जबरन सभी को गंभीर धाराएं लगा कर गिरफ्तार कर लिया.
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