नई दिल्ली: जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) कैंपस में एक बार फिर 2 छात्र गुटों के बीच में जमकर हंगामा हुआ. एबीवीपी के छात्रों का आरोप है कि लेफ्ट समर्थक छात्रों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के फोटो को अपमानित किया गया है, जिसके बाद छात्र यूनियन के ऑफिस में देर रात तक राइट और लेफ्ट छात्रसंघ के बीच हंगामा चला. इसमें कुछ छात्रों को चोट भी आई है. हंगामे के बीच कैंपस के अंदर 2 से 3 पीसीआर कॉल हुई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक जिले की आला अधिकारी और कई थाने के एसएचओ कैंपस के अंदर पहुंच गए. हालांकि हंगामे का यह दौर घंटों तक चला.
दरअसल 19 फरवरी को एबीवीपी छात्रसंघ छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंति छात्र यूनियन के ऑफिस में मना रहे थे. यह कार्यक्रम शाम के वक्त था. छात्रों ने उनकी एक फोटो पर माला पहनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी, उसके बाद सभी छात्र यहां से चले गए. रात करीब 9 बजे लेफ्ट समर्थक छात्रों का इसी कार्यालय में एक दूसरा कार्यक्रम था. ABVP के छात्रों का आरोप है कि लेफ्ट समर्थक छात्र यहां आए, उन्होंने शिवाजी के तस्वीर को अपमानित किया है. उनके तस्वीर पर लगे फूल के माला को फेंक दिया और शिवाजी के फोटो को भी निचे फेंक दिया. यह आरोप एबीवीपी के छात्रों का है. लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों का यह विवाद यहीं से बढ़ाना शुरू हुआ और देखते ही देखते यह जोरदार हंगामे में बदल गया. दोनों छात्र दलों के बीच में हाथापाई भी हुई, जिसकी वजह से कुछ छात्रों को चोटें भी आई हैं.
तमिलनाडू के CM ने की कार्रवाई की मांगःघटना पर तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि जेएनयू और दिल्ली पुलिस अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाले और केंद्र के आलोचक रहे छात्रों पर हुई हिंसा के लिए बार-बार मूकदर्शक बनी रही है. मैं छात्रों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता हूं और वीसी से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध करता हूं. विश्वविद्यालय केवल सीखने के लिए ही नहीं, बल्कि चर्चा और बहस के लिए भी स्थान हैं. एबीवीपी द्वारा तमिल छात्रों पर कायराना हमला और जेएनयू में पेरियार, कार्ल मार्क्स जैसे नेताओं के चित्रों को तोड़ना निंदनीय है और विश्वविद्यालय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं.