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न झुके, न डरे... हमें अपनी टीम पर गर्व है..., पढ़ें, स्वाति मालीवाल से खास बातचीत - Swati Maliwal NEWS

AAP Nominate Swati Maliwal For Rajya Sabha: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली महिला आयोग की मौजूदा अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. स्वाति मालीवाल पहली बार राज्यसभा सदस्य बनेंगी.

राज्यसभा जाएंगी DWC अध्यक्ष स्वाति मालीवाल
राज्यसभा जाएंगी DWC अध्यक्ष स्वाति मालीवाल

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 5, 2024, 5:21 PM IST

Updated : Jan 5, 2024, 6:53 PM IST

राज्यसभा जाएंगी DWC अध्यक्ष स्वाति मालीवाल

नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का नाम प्रस्तावित किया है. स्वाति मालीवाल भारत की एक चर्चित एक्टिविस्ट हैं और डीसीडब्ल्यू की वर्तमान अध्यक्ष भी हैं. आप ने स्वाति मालीवाल को पहली बार राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया है. उम्मीदवार के ऐलान के बाद उन्होंने दिल्ली महिला आयोग के अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वाति बहुत कम उम्र में अपने करियर की शुरुआत से महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक मुद्दों को मजबूती से उठाती रही हैं. वो महिलाओं को लेकर कई कैंपेन और आंदोलनों से जुड़ी भी रही हैं.

स्वाति मालीवाल को साल 2015 में दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. बतौर अध्यक्ष उन्होंने एसिड अटैक, यौन उत्पीड़न और महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों का समाधान निकालने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. महिलाओं के कल्याण और उनके अधिकारों के लिए किए गए प्रयासों के चलते आज वो भारत में सामाजिक एक्टिविज्म के क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख चेहरा है. बतौर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ईटीवी भारत से स्वाति मालीवाल की हुई खास बातचीत के प्रमुख अंश...

सवाल:बीते 8 वर्षों में आयोग ने कितने मामले संभाले और कौन से अपराध के केस सबसे ज्यादा आए?

जवाब: DCW की टीम ने 8 वर्षों में शानदार काम किया है. इस वर्षों में लगभग 1.7 लाख मामलों को संभालने में सक्षम रही है. यह पिछले आयोग के काम की तुलना में केस दर्ज होने में 700% से ज्यादा की वृद्धि हुई है. आयोग ने सरकार को 500 से अधिक सिफारिशें सौंपी हैं. ये केस बलात्कार के मामलों से लेकर दहेज, घरेलू हिंसा, ऑनर किलिंग, तस्करी और अन्य लैंगिक अपराधों से संबंधित है.

क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर की काउंसलर द्वारा 60,751 यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं की काउंसलिंग की गई. रेप क्राइसिस सेल के माध्यम से आयोग ने अदालत में 1,97,479 सुनवाई में यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं की सहायता की है. आयोग ने यौन हिंसा की 29,800 एफआईआर दर्ज करने में सहायता की है. आयोग की अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा 4,14,840 सुनवाई की गई.

आयोग की 181 महिला हेल्पलाइन को 41 लाख से ज्यादा कॉल प्राप्त हुई. आयोग का मोबाइल हेल्पलाइन 24*7 संचालित होता है, संकट में फंसी महिलाओं की सहायता के लिए 2,59,693 दौरे किए. आयोग द्वारा 2500 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को बचाया गया है. आयोग ने ये सारा काम सिस्टम के आगे बिना डरे और झुके किया है.

जानें DCW की 8 वर्षों में कामकाज का लेखा-जोखा
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सवाल: इस वर्ष दिल्ली महिला आयोग के क्या लक्ष्य और योजनाएं हैं?

जवाब: इस वर्ष भी आयोग की कई योजनाएं है. मैं हर वर्ष के अंत में सोचती हूं कि ऐसा क्या किया जाए, जिससे दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार महिलाओं के मुद्दे पर एक साथ काम करें. आयोग बार बार गृह मंत्रालय से यह मांग करता है कि एक विशेष कमेटी का गठन किया जाना चाहिए. इसमें यूनियन होम मिनिस्टर, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और दिल्ली महिला आयोग को सदस्य बनाया जाए. मुझे लगता है कि अगर सभी साथ आकर इन मुद्दों पर काम करेंगे तभी दिल्ली की महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित हो सकती है.

सवाल: इस बार भी राजधानी में सबसे ज्यादा महिला हिंसा के मामले आए? इतनी सक्रियता के बावजूद आपको क्या लगता है कहां कमी रह गई?

जवाब:काफी दुख होता है. अगर आप कहेंगी कि दिल्ली महिला आयोग ने बीते 8 वर्षों में क्या हासिल किया, तो मेरा जवाब होगा कि मुझे आयोग के काम पर गर्व है. हमने बहुत जरूरी सवाल इस सिस्टम से पूछे हैं. हम डरे नहीं. झूके नहीं. हमारी टीम ने बहुत मेहनत की है. लेकिन इतनी सक्रियता के बाद भी आज दिल्ली में हर रोज 6 मामले बलात्कार के आते हैं. महिला सुरक्षा पर सख्त सिस्टम बनाने की जरूरत है. हमारे देश में लोगों के अंदर से कानून का डर खत्म हो गया है. ऐसे में सरकार को समाज में एक संदेश देने की जरूरत है कि अगर किसी महिला और बच्ची के साथ कुछ गलत होता है तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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सवाल: बीते 8 वर्षों में दिल्ली महिला आयोग ने कई सारी FIR दर्ज करवाई, सबसे ज्यादा मुश्किल कब हुई?

जवाब:मुझे लगता है कि हमें सबसे ज्यादा संघर्ष जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों के मामले में झेलना पड़ा. महिला पहलवानों को FIR दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जानना पड़ा. लेकिन अभी आरोपी बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया है. आज भी वह संसद में बैठा है. इस तरह के मामले दिल्ली पुलिस के ऊपर कई तरह के सवाल उठाते हैं.

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Last Updated : Jan 5, 2024, 6:53 PM IST

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