नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का नाम प्रस्तावित किया है. स्वाति मालीवाल भारत की एक चर्चित एक्टिविस्ट हैं और डीसीडब्ल्यू की वर्तमान अध्यक्ष भी हैं. आप ने स्वाति मालीवाल को पहली बार राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया है. उम्मीदवार के ऐलान के बाद उन्होंने दिल्ली महिला आयोग के अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वाति बहुत कम उम्र में अपने करियर की शुरुआत से महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक मुद्दों को मजबूती से उठाती रही हैं. वो महिलाओं को लेकर कई कैंपेन और आंदोलनों से जुड़ी भी रही हैं.
स्वाति मालीवाल को साल 2015 में दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. बतौर अध्यक्ष उन्होंने एसिड अटैक, यौन उत्पीड़न और महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों का समाधान निकालने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. महिलाओं के कल्याण और उनके अधिकारों के लिए किए गए प्रयासों के चलते आज वो भारत में सामाजिक एक्टिविज्म के क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख चेहरा है. बतौर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ईटीवी भारत से स्वाति मालीवाल की हुई खास बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल:बीते 8 वर्षों में आयोग ने कितने मामले संभाले और कौन से अपराध के केस सबसे ज्यादा आए?
जवाब: DCW की टीम ने 8 वर्षों में शानदार काम किया है. इस वर्षों में लगभग 1.7 लाख मामलों को संभालने में सक्षम रही है. यह पिछले आयोग के काम की तुलना में केस दर्ज होने में 700% से ज्यादा की वृद्धि हुई है. आयोग ने सरकार को 500 से अधिक सिफारिशें सौंपी हैं. ये केस बलात्कार के मामलों से लेकर दहेज, घरेलू हिंसा, ऑनर किलिंग, तस्करी और अन्य लैंगिक अपराधों से संबंधित है.
क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर की काउंसलर द्वारा 60,751 यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं की काउंसलिंग की गई. रेप क्राइसिस सेल के माध्यम से आयोग ने अदालत में 1,97,479 सुनवाई में यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं की सहायता की है. आयोग ने यौन हिंसा की 29,800 एफआईआर दर्ज करने में सहायता की है. आयोग की अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा 4,14,840 सुनवाई की गई.
आयोग की 181 महिला हेल्पलाइन को 41 लाख से ज्यादा कॉल प्राप्त हुई. आयोग का मोबाइल हेल्पलाइन 24*7 संचालित होता है, संकट में फंसी महिलाओं की सहायता के लिए 2,59,693 दौरे किए. आयोग द्वारा 2500 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को बचाया गया है. आयोग ने ये सारा काम सिस्टम के आगे बिना डरे और झुके किया है.
सवाल: इस वर्ष दिल्ली महिला आयोग के क्या लक्ष्य और योजनाएं हैं?