नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में बदले हुए नियम के तहत एडमिशन होने जा रहे हैं. दाखिले से लेकर विश्वविद्यालय के तमाम मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (CYSS) से बात की. सीवाईएसएस (student youth struggle committee) के प्रदेश सचिव कमल तिवारी ने कहा कि स्नातक पाठ्यक्रम में सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (Central University Entrance Test) होने से सभी छात्रों को दाखिले का समान अवसर मिलेगा. प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए 'आप की पाठशाला' भी आयोजित की जा रही है, जिसमें छात्रों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी से लेकर उनके हर सवाल का जवाब दिया जा रहा है. इसमें शिक्षकों का भी सहयोग मिल रहा है.
दिल्ली विश्वविद्यालय में इस साल से बदले हुए नियम के तहत स्नातक पाठ्यक्रम में एडमिशन होने जा रहा है. वहीं आम आदमी पार्टी छात्र संगठन CYSS के प्रदेश सचिव कमल तिवारी ने कहा कि "बदले हुए नियम के तहत होने वाले एडमिशन में दाखिले को लेकर छात्रों की हर प्रकार से मदद की जा रही है. इसको लेकर CYSS की ओर से 'आप की पाठशाला' कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को हर प्रकार से मदद की जा रही है. 'आप की पाठशाला' में शिक्षकों का भी सहयोग मिल रहा है, जिससे की प्रवेश परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना आए. साथ ही कहा कि प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन होने से छात्रों को एडमिशन में बराबर का मौका मिलेगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सीयूसेट का समय सारणी लंबा होने की वजह से अकादमिक सत्र देर से शुरू होगा. इसका प्रशासन को ख्याल रखना चाहिए था".
सीवाईएसएस प्रदेश सचिव कमल तिवारी ने कहा कि "विश्वविद्यालय में हॉस्टल की बहुत बड़ी समस्या है. हॉस्टल की समस्या को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से लगातार मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दो साल से कोविड-19 की वजह से पीजी बंद थे. अब कॉलेज जब दोबारा से खुल गए हैं. छात्र पीजी में फिर से लौट आए हैं. लेकिन पीजी के रेट काफी अधिक है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार से रूम रेंट कंट्रोल एक्ट बनाने की मांग रखी है, जिससे कि जो छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय या किसी अन्य विश्वविद्यालय में बाहर से पढ़ने के लिए आता है तो उन्हें सस्ते दामों पर पीजी मिल सके जिससे कि वह आसानी से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें".