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MCD में अब AAP का राज, BJP की नकारात्मक चुनाव प्रचार को मतदाताओं ने नकारा

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) में अपना परचम लहरा दिया है. 15 साल बाद बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. आम आदमी पार्टी इसे बड़ी जीत मान रही है. आखिर आप की जीत के पीछे की वजह और बीजेपी के हार के क्या कारण रहे? इस रिपोर्ट में हम इसी को समझने की कोशिश करेंगे. पढ़ें आशुतोष झा की पूरी रिपोर्ट..

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Published : Dec 7, 2022, 3:07 PM IST

Updated : Dec 7, 2022, 6:58 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार पर जिस तरह नई आबकारी नीति लागू करने में घोटाले के आरोप लगे. सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया. नामजद कई जेल में भी है, इस मुद्दे से आप की छवि को नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही थीं, एमसीडी चुनाव नतीजे इस बात को गलत साबित किया. अपने पक्ष में आये चुनाव परिणाम को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली की जनता ने निगम में बीजेपी के शासन को नकार दिया है. तभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की फौज व केंद्रीय मंत्री तक बीजेपी को नहीं जीता पाए.

इतना ही नहीं एमसीडी चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद जिस तरह तिहाड़ जेल में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी सत्येंद्र जैन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सुविधाएं लेने की सीसीटीवी फुटेज बाहर आए, समझा जा रहा था इन प्रकरणों से आम आदमी पार्टी को छवि खराब होगी और बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा, लेकिन नगर निगम चुनाव के नतीजे में ऐसा नहीं दिखाई दिया.

चुनाव विश्लेषक रास बिहारी के मुताबिक, एमसीडी चुनाव में दिल्ली सरकार की आबकारी नीति और तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन के नए वीडियो सामने आना कोई मुद्दा नहीं रहा. उनकी मानें तो बीजेपी की ओर से नकारात्मक चुनाव प्रचार आप मतदाताओं पर बेअसर साबित हुआ है.

एमसीडी चुनाव में आप की जीत

दरअसल, दिल्ली नगर निगम चुनाव आम आदमी पार्टी और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल रहा है. एमसीडी के गठन के बाद से इससे पहले हुए 11 चुनावों में 7 बार बीजेपी को जीत मिली थी. इस बार भी केजरीवाल सरकार की नाकामी को गिनाकर बीजेपी चुनाव जीतने की कोशिश में जुटी थी. चुनाव खत्म हो गया. अब एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर में आप का राज होगा, यह तय हो गया है.

जानकर बताते हैं कि आप का चुनावी प्रबंधन अंदर खाने बीजेपी की अपेक्षा काफी बेहतर रहा है. छह महीने पूर्व आम आदमी पार्टी ने करीब–करीब अपने सभी प्रत्याशियों को हरी झंड़ी दे रखा था‚ जिस वजह से आप प्रत्याशी चुपचाप वोटरों से छोटी–छोटी मीटिंग करना शुरू कर दिया था. चुनाव घोषित होने से पहले अधिकतर प्रत्याशियों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली थी. आम आदमी पार्टी ने साफ–सफाई और कूड़े का पहाड़ को मुद्दा बनाया. बीजेपी पार्षदों को लेंटरमैन घोषित कर दिया गया.

उधर, 15 सालों से सिविक सेंटर पर काबिज बीजेपी में सत्ता विरोधी लहर से ग्रस्त उबरने के लिए रास्ता तलाश रही थी. बीजेपी के पास ‘जहां झुग्गी‚ वहीं मकान' के तहत कालकाजी में आवंटित फ्लैट दिखाने के सिवाय कोई ठोस काम बताने को नहीं था. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के यहां सीबीआई और ईडी का छापा, आबकारी नीति को लेकर बीजेपी की ओर से घेराबंदी, तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन का वीडियो जारी करने के अलावा बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं रहा. जबकि, आम आदमी पार्टी बिजली–पानी और महिलाओं के लिए बस में फ्री यात्रा जैसी योजना ने एमसीडी चुनाव में काम किया है.

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राजनीतिक पार्टी बनने के बाद दूसरे प्रयास में एमसीडी में सत्ता हासिल करने के बाद अब आम आदमी पार्टी के सामने भी चुनौतियां कम नहीं होगी. सबसे बड़ी चुनौती सफाई कर्मचारियों को वेतन दिए जाने की होगी. कूड़े के पहाड़ को खत्म करना अपने आप में बड़ी चुनौती होगी, जिसका दावा शुरू से आम आदमी पार्टी के नेता करते रहे हैं. पहले से आर्थिक रूप से बदहाल एमसीडी को उबारने की चुनौती होगी. अब आम आदमी पार्टी की एमसीडी और दिल्ली सरकार में शासन होने से एक–दूसरे पर ठीकरा फोड़़ने का काम नहीं हो पाएगा.

Last Updated : Dec 7, 2022, 6:58 PM IST

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