नई दिल्ली:देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दो मंत्री और दो सांसद हमलावर रहे. सभी ने एक स्वर में कहा कि तानाशाह से देश के संविधान को बचाना है. AAP राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने जो अध्यादेश पारित किया है वो बाबा साहेब द्वारा लिखे संविधान, संघीय ढांचे को खत्म करने, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की कार्रवाई है. इससे साबित हो गया कि पीएम संविधान-लोकतंत्र- सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते हैं. इस देश में तानशाही शासन है, किसी भी तुगलकी फरमान से आदेश पलट सकती है.
केजरीवाल को रोकने में लगी है भाजपा:सिंह ने कहा कि 25 साल से हार रही भाजपा इतनी व्याकुल है कि अरविंद केजरीवाल को रोकने में लगी है. 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 5-0 से दिल्ली के हक में फैसला दिया था. अगर नरेंद्र मोदी सरकार इस पर हथोड़े चलाने का काम कर रहे हैं तो क्या सभी पार्टियों को संविधान और संघीय ढांचे को बचाने के लिए एकजुट नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं पीएम से कहना चाहूंगा कि क्रूरता की भी पराकाष्ठा होती है, इतनी क्रूरता मत करो, यह अच्छी बात नहीं है. यह आप का सवाल नहीं है, ये भारतीय लोकतंत्र, संघीय ढांचे का सवाल है. इसमें सभी पार्टियों को एकजुटता दिखानी होगी.
जब ये अध्यादेश कानून के रूप में राज्यसभा में आएगा तो सभी विपक्षी पार्टियों को इस बिल को गिराना चाहिए. क्योंकि भाजपा के पास राज्यसभा में नंबर नहीं है. कांग्रेस को तय करना होगा कि वो लोकतंत्र-भारतीय संघीय ढांचे के साथ खड़ी है या खिलाफ खड़ी है. जब तक कांग्रेस का आधिकारिक बयान नहीं आ जाता, तब तक कोई प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं होगा.