नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की भाजपा को चुनौती है कि वह एक वीडियो दिखा दें, जहां 'आप' पार्षद सदन के अंदर हंगामा कर रहे हों. हमने आपको 5 वीडियो दिखाए जिसमें साफ दिखा कि 'आप पार्षद' भाजपा की बदतमीजी के बावजूद शांतिपूर्वक बैठे रहे. भाजपा के पार्षद सदन की कार्यवाही रोकने की पूरी तैयारी करके आए थे. आम आदमी पार्टी हर हालत में मंगलवार को मेयर का चुनाव कराना चाहती थी, मगर भाजपा चाहती थी कि मेयर का चुनाव किसी भी हालत में न हो.
उन्होंने कहा कि एमसीडी के सदन में कल बीजेपी ने गुंडागर्दी करके सदन को स्थगित किया और मेयर के चुनाव को रोका. बीजेपी कह रही है कि अगर हम जीतकर नहीं आते है तो सदन में गुंडागर्दी करेंगे, यह भारत के लोकतंत्र पर एक तमाचा था. बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है. एमसीडी चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया है. आम आदमी पार्टी के पार्षदों और सांसदों ने अपनी आपत्ति के बावजूद नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले होने दी, क्योंकि हम मेयर के चुनाव को नहीं रोकना चाहते थे. उन्होंने कहा कि पार्षदों की शपथ 2:20 पर पूरी होने के बाद जब मेयर चुनाव की तैयारी हो रही थी, तभी बीजेपी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया.
उन्होंने कहा कि 'आप' के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने इलेक्टोरल रोल सदन में प्रस्तुत करने की बात कही तो फिर से बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी वाले पहले से ही नारे लिखे हुए कागज लाए थे कि किस मुद्दे पर हंगामा करेंगे. उन्होंने सोचा हुआ था कि हमें सदन को स्थगित कराना है. वहीं, 'आप' के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि भाजपा को समझ में आ गया था कि आज हमारी बुरी तरह हार होगी, वह अपनी हार पचा नहीं पा रहे थे.पीठासीन अधिकारी भी सदन को स्थगित करके इसलिए भाग गईं, क्योंकि उन्हें पता था कि आम आदमी पार्टी का मेयर बन जाएगा.
भाजपा पर आतिशी ने कसा तंजःविधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. दिल्ली की जनता बीजेपी के भ्रष्टाचार और कुशासन से परेशान हो गई थी. दिल्ली की जनता ने एमसीडी में बीजेपी को निकालकर बाहर फेंकने का मन बना लिया. बीजेपी को पता था कि दिल्ली की जनता उनसे परेशान है तो अप्रैल में होने वाले चुनाव को टालकर साम दाम दंड भेद से अपनी हार को बदलने की कोशिश की. एमसीडी का अप्रैल में चुनाव न हो इसलिए तीनों एमसीडी का एकीकरण किया. गुजरात के चुनाव के समय ही एमसीडी का चुनाव करवाया. इन सब कोशिशों के बावजूद बीजेपी को दिल्ली की जनता ने एमसीडी से निकालकर बाहर फेंक दिया. इसके बावजूद बीजेपी को चैन नहीं हैं. बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है. चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया.