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अतिथि शिक्षकों पर ट्वीट कर फंसी AAP, अतिथि शिक्षकों ने दावे को बताया झूठ

आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा किए गए ट्वीट पर अतिथि शिक्षक आक्रोशित हैं. दरअसल आप ने ट्वीट किया था कि दिल्ली सरकार ने सभी अतिथि शिक्षकों को परमानेंट कर दिया है. इससे आक्रोशित अतिथि शिक्षकों ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात की.

Aam Aadmi Party stuck by tweeted on guest teachers
अतिथि शिक्षकों पर ट्वीट कर फंसी आम आदमी पार्टी

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Published : Dec 21, 2020, 11:05 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 8:18 AM IST

नई दिल्ली:दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी अब देश के अन्य राज्यों में भी अपनी सियासी जमीन तलाश रही है. दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में किये गए बदलावों को अन्य राज्य में भी वोट बटोरने का मुद्दा बनाने वाली आम आदमी पार्टी अपने एक ट्वीट के फेर में फंस गई है. बता दें कि आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह ट्वीट किया गया कि दिल्ली के 17,000 अतिथि शिक्षकों को स्थाई कर उनका वेतन मान दोगुना कर दिया गया है. वहीं दिल्ली के अतिथि शिक्षकों ने इस दावे को सफेद झूठ करार दिया और इसे आम आदमी पार्टी का वोट बटोरने का सियासी हथकंडा बताया. बता दें कि अतिथि शिक्षकों ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार से मुलाकात की जिन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की फितरत है झूठ पर राजनीति करना और कांग्रेस पार्टी आप की पोल खोलेगी.

अतिथि शिक्षकों पर ट्वीट कर फंसी आम आदमी पार्टी
आप के दावों को शिक्षकों ने बताया सफेद झूठ
बता दें कि आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह ट्वीट किया गया है कि 'पहले दिल्ली में न्यूनतम वेतन पर गेस्ट टीचर रखे जाते थे, हमने सभी को नियमित टीचर के बराबर ही वेतन देना शुरू किया, इसके साथ ही 17,000 टीचर्स भी परमानेंट किए गए. आप इसी आधार पर उत्तराखंड में भी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करेगी.' वहीं ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण डेडा ने आप के इस दावे को सफेद झूठ करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी ने इस तरह का सफेद झूठ बोल हो. उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं तो आम आदमी पार्टी इस तरह के चुनावी झूठ बोलने से कभी नहीं कतराती. उन्होंने कहा कि स्थायी करना और वेतनमान बढ़ाना तो बहुत दूर की बात है हकीकत तो यह है कि अतिथि शिक्षक डेली वेज पर काम कर रहे हैं जिनका शनिवार रविवार सहित सभी त्योहारों पर छुट्टी होने के चलते वेतन काट लिया जाता है. यानी अतिथि शिक्षक जितने दिन काम करते हैं उन्हें उसी हिसाब से वेतन मिलता है.
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को आप बना रही चुनावी मुद्दा
वहीं अरुण डेडा ने कहा कि भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाने और दिल्ली में शिक्षा के बदलावों का ढिंढोरा अन्य राज्यों में पीटकर वोट बटोरने की मंशा रखने वाली आम आदमी पार्टी ने अतिथि शिक्षकों को फुटबॉल बना रखा है. साथ ही उन्होंने कहा कि आप सरकार अपने अबतक के कार्यकाल में अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने का वादा जब दिल्ली में नहीं पूरा कर पाई तो वह उत्तराखंड या अन्य राज्य में कैसे कर्मचारियों को अन्य राज्यों में स्थाई करने का सपना दिखा रही है. साथ ही कहा कि इतने लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को चुनावी मुद्दा बनाकर उनका मजाक बनाने के बजाय अपने दावों को सच करते हुए उन्हें स्थाई कर देना चाहिए.
झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही है आप
वहीं अतिथि शिक्षक सुनील शास्त्री ने भी आम आदमी पार्टी के इस दावे को सरासर झूठ बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव आने पर जनता को गुमराह करने के लिए अक्सर आम आदमी पार्टी इसी तरह का झूठ बोलती है. साथ ही उन्होंने बताया कि पंजाब चुनाव के समय में भी आम आदमी पार्टी ने यही दावा किया था. उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती है कि समान कार्य - समान वेतन का प्रावधान किया गया है लेकिन हकीकत इससे बिलकुल ही विपरीत है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्थाई करना तो दूर की बात है कोविड-19 के इस कठिन समय में भी आप ने कई शिक्षकों को बेरोजगार कर दिया. इसी के साथ उन्होंने सरकार को चुनौती भी दी कि वह दिल्ली का एक ऐसा अतिथि शिक्षक बताएं जिसे उन्होंने स्थाई किया हो और उसे समान कार्य समान वेतन की सहूलियत दी हो.

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आप ने महामारी में अतिथि शिक्षकों को किया बेरोजगार


वहीं उन्होंने कहा कि जहां आम आदमी पार्टी बड़ी-बड़ी बात कर रही थी कि इस आपातकाल में किसी की नौकरी नहीं जाएगी और सबको घर वेतन मिलेगा. वहीं खुद उन्होंने कई अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार कर घर पर बिठा दिया जिन पर इस समय रोजी रोटी का संकट छाया हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह अतिथि शिक्षकों के मुद्दे को उठाकर उन्होंने अतिथि शिक्षकों के साथ गंदा मजाक कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ ही किया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा में हुए जिन बदलावों का हवाला देकर आप वोट बटोरना चाहती है. वह बदलाव लाने वाले शिक्षकों को आम आदमी पार्टी महज चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है.

राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप करती है बयानबाजी


वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी इस ट्वीट को लेकर आम आदमी पार्टी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जिस दिन से आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई है उस दिन से ही पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोलती आ रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की कथनी और करनी बिल्कुल विपरीत है. केवल अपनी राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस तरह की बयानबाजी की जाती हैं जबकि हकीकत यह है कि अभी तक किसी भी अतिथि शिक्षक को न ही परमानेंट किया गया है ना ही उनका वेतन मान बढ़ाया गया है. आम आदमी पार्टी केवल बयानबाजी और इश्तिहारों के जरिए आम जनता को के बीच अपने कामों का ढिंढोरा पीटती है लेकिन काम कुछ नहीं करती. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने का ट्वीट आम आदमी पार्टी कर रही है उन शिक्षकों की कोविड-19 में भी ड्यूटी लगाई गई लेकिन उनको किसी भी तरह का अतिरिक्त भत्ता नहीं दिया गया और अब आम आदमी पार्टी के इतने बड़े झूठ का शिक्षक भी विरोध कर रहे हैं. साथ ही कहा कि जिस तरह के झूठी बयानबाजी आम आदमी पार्टी कर रही है उनके इस सभी कामों की पोल कांग्रेस पार्टी जरूर खोलेगी.


60 साल की पॉलिसी की मांग कर रहे हैं अतिथि शिक्षक


बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक लंबे समय से 60 साल की पॉलिसी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने गत वर्ष शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास और दिल्ली बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर धरना भी दिया था लेकिन अभी तक इस मसले पर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

Last Updated : Dec 22, 2020, 8:18 AM IST

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