नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली में 57% वोट हासिल किए और सभी 7 लोकसभा सीटें जीती. सिर्फ 18% वोटों के साथ आम आदमी पार्टी 5 सीटों पर तीसरे स्थान पर रही. खंड स्तर पर बात करें तो बीजेपी कुल 70 में से 65 पर आगे रही, कांग्रेस 5 सीटों पर आगे थी और आम आदमी पार्टी किसी भी सीट पर लीड नहीं कर पाई.
बुद्धिजीवियों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत के लिए आश्वस्त हो सकती है, लेकिन तब, जब जनता का आम आदमी पार्टी से विश्वास उठ जाए. बीजेपी सत्ता पर काबिज AAP का मुकाबला करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. वहीं कांग्रेस इस चुनावी लड़ाई में फिलहाल कहीं नहीं है.
गलती से सीखा सबक
जनता का मूड एकदम बदला है. इस उलटफेर के पीछे एक बड़ी वजह AAP अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. उन्होंने 2019 के चुनाव में अपनी गलती से सबक सीखा है. दिल्ली वासियों का एक नारा उस वक्त काफी लोकप्रिय हुआ था- 'Modi for PM and Kejriwal for CM'.अरविंद केजरीवाल ने इसे स्वीकार करते हुए पीएम मोदी पर किसी भी तरह का वार करना बंद कर दिया. इससे पहले केजरीवाल 'मोदी को टक्कर देने वाला अकेला नेता' वाली छवि अर्जित करने की कोशिश में थे और अकसर पीएम मोदी को कई राष्ट्रीय मुद्दों पर घेरते रहते थे.
विधानसभा चुनाव जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है. पार्टी अपने पिछले 5 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनवाते हुए लगातार प्रचार-प्रसार कर रही है-
- AAP सरकार ने शिक्षा के लिए अपने बजट का 35% हिस्सा आवंटित किया. शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया और छात्र हित में कई योजनाएं लेकर आई. शिक्षकों को विदेश भेजकर अच्छी ट्रेनिंग दिलवाना भी इसमें शामिल है.
- स्वास्थ्य के मोर्चे पर, AAP के मोहल्ला क्लीनिक काफी हिट रहे हैं. हर मोहल्ला क्लीनिक में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और एक सहायक होता है. 1 किलोमीटर के दायरे में करीब 12,000 आबादी को ये सुविधा दी जा रही है. अब तक दिल्ली में 400 मोहल्ला क्लीनिक चालू हैं.
- दिल्ली को महिलाओं के लिए असुरक्षित माना जाता रहा है. ऐसे में AAP सरकार ने 29 अक्टूबर को महिला यात्रियों के लिए पिंक-पास का ऐलान किया. इसके जरिए महिलाओं को मार्शल युक्त डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई. लाभार्थी महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं और हर महीने औसतन 1200 से 1800 रुपये बचाती हैं.
- 200 यूनिट तक की खपत के लिए पानी-बिल और बिजली बिल में कटौती ने भी आम आदमी को प्रभावित किया है.
लोगों ने देखा विकास
दरअसल दिल्ली के आम आदमी ने AAP के शासन में विकास देखा है. कई क्षेत्रों में AAP सरकार की सफलता के लिए तारीफ की जाती है. मध्यम वर्गीय लोगों का एक बड़ा हिस्सा, जिन्होंने 2019 के आम चुनाव में मोदी को वोट दिया, वो इस विधानसभा चुनाव में AAP का समर्थन कर रहे हैं. वहीं शहरी गरीब तबका, जिन्होंने पहले कांग्रेस को वोट दिया था, वो भी AAP को पसंद कर रहे हैं.
एक स्वतंत्र राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि-
दिल्ली में पहली बार स्थानीय मुद्दों पर काम हुआ, जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला-सुरक्षा. सत्ता में अपने कार्यकाल के दौरान कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इन मुद्दों पर बहुत कम काम किया ये कहकर कि उनके पास संसाधनों की कमी है. दिल्ली सरकार के पास भी सीमित संसाधन और सीमित शक्ति थी. इसके बावजूद AAP सरकार ने इन्हीं सीमित संसाधनों के साथ काम किया.
लोगों के दिलों में बनाई जगह
गुड गवर्नेंस के एजेंडे का पालन करते हुए दिल्ली सरकार अपने विरोधियों में भी जगह बनाने में सफल रही. इनमें पूर्वांचली (यूपी और बिहार से आए प्रवासी, पूर्व कांग्रेस समर्थक) और पंजाबी-जाट लॉबी (पूर्व बीजेपी समर्थक) शामिल है. केजरीवाल खुद को दलित समाज (पूर्व बीजेपी समर्थक) से बताते हुए पहले से ही इस समुदाय के पसंदीदा हैं और गरीब तबके (पूर्व कांग्रेस समर्थक) की भी पसंद केजरीवाल ही हैं.
कुछ ऐसी है केजरीवाल की छवि