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तीन तलाक: 32 साल तक हिन्दू महिला ने मुस्लिम सहेली का राज रखा दफन, तबाह हो सकती थी जिंदगी !

संसद में ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद, तीन तलाक से जुड़ी कई घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसे सख्त कानून न होने की वजह से छुपा लिया गया था. ऐसी ही घटना से जुड़ी बात को शशि अग्रवाल ने ईटीवी भारत से साझा किया है...

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Published : Aug 1, 2019, 8:37 PM IST

Updated : Aug 1, 2019, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: तीन तलाक बिल संसद में पास हो चुका है. मुस्लिम महिलाएं इससे काफी खुश हैं. ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद से ही कई ऐसी बातें निकल कर सामने आ रही हैं जो शायद इस बिल के पास न होने पर नहीं आ पाती. तीन तलाक से जुड़ी कई घटनाओं को महिलाओं ने अपना घर परिवार बचाने के लिए वो राज अपने दिल में ही दबा कर रखा था.

शशि अग्रवाल से ETV भारत की बातचीत

32 साल तक छुपाए रखा राज
दिल्ली में रहने वाले शशि अग्रवाल ऐसी ही एक महिला हैं, जिन्होंने 32 साल तक अपनी मुस्लिम सहेली का राज अपने सीने में दबाए रखा, लेकिन तीन तलाक बील संसद में पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली है. तीन तलाक की वजह से किस तरह एक परिवार उजड़ जाता है, शशि ने अपनी सहेली के साथ घटी एक घटना को ईटीवी भारत के साथ खुल कर साझा किया.

'नशे में दिया तलाक'
शशि अग्रवाल कहती हैं कि 32 साल पहले वह गुरुग्राम के सोहना में रहती थीं. उनकी एक मुस्लिम सहेली परवीना थी. पति-पत्नी के बीच किसी बात पर कहासुनी हुई, परवीना के पति शराब के नशे में थे, तो गुस्से में उसने तीन तलाक कहकर उससे घर से बाहर निकाल दिया. शशि उनके पड़ोस में रहती थीं.

तलाक के बाद रात में ही परवीना के माता-पिता आए, तो उन्होंने कहा की अब तो काजी को बताना होगा, लेकिन शीला कहती हैं कि उसके माता-पिता ने कहा जो करेंगे सुबह होने पर. सुबह जब उसकी सहेली के पति को होश आया और नशा उतरा तो उसे अपनी भूल का एहसास हुआ.

तब तक इस घटना की जानकारी किसी और को नहीं थी. इसलिए सबने मिलकर फैसला किया कि तीन तलाक के मामले को किसी को नहीं बताएंगे. सबने उसे राज़ की तरह रखने का फैसला किया.

तीन तलाक बिल संसद में पास
अब जब इस घटना को 32 साल हो गए हैं, और संसद के दोनों सदनों में ये बिल पास हो चुका है तो उन्हें इस घटना को बताने में कोई नहीं. वे चाहती हैं कि इस तरह की घटना सामने आए ताकि शरीयत का हवाला देकर जो परिवार उजाड़ दिए जाते हैं, वह भी सोचने को मजबूर हो जाएं कि किस तरह से हालात से निबटा जा सकता है.

एकतरफा तीन तलाक असंवैधानिक
अब मुस्लिम महिलाएं खुले तौर पर कह रही हैं कि सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से उनका शोषण हो रहा था, अब न्याय मिला है. उन्हें सामाजिक न्याय कई वर्षों के इंतजार के बाद मिला है. बता दें कि वर्ष 2013 में तीन तलाक की एक पीड़िता सुप्रीम कोर्ट गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि एकतरफा तीन तलाक असंवैधानिक है. इसे कुरान में भी गलत बताया गया है.

Last Updated : Aug 1, 2019, 10:57 PM IST

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