नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बुधवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अस्पताल जनित संक्रमण (एचएआइ) अनुसंधान केंद्र और चार नए ब्लाक का लोकार्पण करेंगे. जिन ब्लाक का लोकार्पण होगा उनमें राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र, सर्जरी ब्लाक, मातृ एवं शिशु ब्लाक और प्राइवेट वार्ड शामिल हैं. हालांकि, इन सभी केंद्रों और वार्ड में चिकित्सा सुविधाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं लेकिन इसका विधिवत लोकार्पण होना शेष था.
ये भी पढ़ें: दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने एक बार फिर किया चमत्कार, 34 वर्षीय पर्वतारोही को दिया नया जीवनदान
इसलिए सभी नए केंद्रों और वार्ड के उद्घाटन का कार्यक्रम एक साथ निर्धारित किया गया है. इन केंद्रों के निर्माण से एम्स में चिकित्सा सुविधाओं के लिए आवश्यक ढांचे का भी विस्तार हुआ है, जिसका मरीजों को भी फायदा मिल रहा है. एम्स के मुख्य अस्पताल, कार्डियोथोरेसिक सेंटर, न्यूरो सेंटर, आरपी सेंटर, कैंसर सेंटर, न्यूरो सेंटर, झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) व अन्य केंद्रो को मिलाकर एम्स में कुल 3279 बेड हैं, जिसमें 298 प्राइवेट वार्ड के बेड शामिल हैं. राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र की बेड क्षमता 200, सर्जरी ब्लाक की बेड क्षमता 200, मातृ एवं शिशु ब्लाक की बेड क्षमता 427 और प्राइवेट वार्ड-तीन की बेड क्षमता 127 बेड है.
नए सेंटर और वार्ड के लोकार्पण से एम्स में बढ़ेंगे 954 बेड
बुधवार को लोकार्पण होने वाले नए सेंटर और वार्डों में नए बेड की संख्या 954 है. इन चार केंद्रों के अलावा एनसीआइ में भी प्राइवेट वार्ड का शुभारंभ होगा. इसलिए एम्स की बेड क्षमता 4200 से ज्यादा हो जाएगी. इसके अलावा एनसीआई में एक शोध का केंद्र भी शुरू होगा. इसके अलावा एम्स के ही जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रामा सेंटर में एचएआइ अनुसंधान केंद्र और फारेंसिक डीएनए लैब भी शुरू होगी.
बता दें कि अस्पताल जनित संक्रमण मरीजों के लिए एक बड़ी समस्या रही है. इसलिए अस्पतालों में इसकी रोकथाम के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. एम्स के मार्गदर्शन में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) अस्पताल जनित संक्रमण की निगरानी के लिए शोध भी कराती रही है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को इस तरह का संक्रमण होने का जोखिम ज्यादा रहता है.