नई दिल्ली: दिल्ली में सर्द मौसम की दस्तक के साथ ही प्रदूषण की चिंता सताने लगी है. सरकार प्रदूषण को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन दो दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स ने सभी तैयारियों पर पानी फेर दिया. राजधानी में पहले 13 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए थे. इसके बाद 8 नए हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं. इसमें शादीपुर, आईटीओ, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और मोती बाग हैं, जहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) औसत से अधिक है.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) के बोर्ड मेंबर डॉ. अनिल गुप्ता के मुताबिक, सड़कों से उड़ती धूल, जाम और वाहनों से निकलने वाला धुआं नए हॉटस्पॉट पर प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं. प्रदूषण की रोकथाम को लेकर प्रमुख कारणों पर सही से काम नहीं हो रहा है.
कल से हॉट स्पॉट पर उतरेंगी 25 टीमें: सोमवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि सभी हॉटस्पॉट पर प्रदूषण के अलग-अलग कारण हो सकते हैं. बुधवार यानी 25 अक्टूबर से 25 टीमें उतरेंगी, जो हर हॉटस्पॉट पर प्रदूषण के कारणों का पता लगाएंगी. इसके बाद उन कारणों पर काम किया जाएगा, जिससे प्रदूषण न हो.
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प्रदूषण के प्रमुख कारण: सीपीसीबी व डीपीसीसी के बोर्ड मेंबर डॉ. अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि नए हॉटस्पॉट पर प्रदूषण बढ़ने का प्रमुख कारण सड़कों का खराब होना है. सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हैं और सड़कों पर धूल जमा है. वाहनों के आवागमन के दौरान सड़कों से धूल उड़ती है. इसके अलावा सड़कों के खराब होने के कारण जाम भी लगता है. जाम में फंसे वाहन धुआं छोड़ते हैं. जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिनकी वजह से प्रदूषण होता है.