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उत्तर रेलवे में 67वें रेल सप्ताह समारोह का आयोजन, उत्कृष्ट सेवा के लिए 250 रेल कर्मियों को सम्मानित

16 अप्रैल 1853 को बोरीबंदर और ठाणे के बीच भारत में चली पहली रेलगाड़ी की स्मृति में, भारतीय रेलवे प्रतिवर्ष रेल सप्ताह का आयोजन करती रही है. उसी क्रम में इस वर्ष उत्तर रेलवे ने 67वें रेल सप्ताह समारोह का शुक्रवार को नई दिल्‍ली में आयोजन किया गया था.

67th Rail Week Celebrations Organized
67th Rail Week Celebrations Organized

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Published : Jun 11, 2022, 7:47 AM IST

नई दिल्ली:16 अप्रैल 1853 को बोरीबंदर और ठाणे के बीच भारत में चली पहली रेलगाड़ी की स्मृति में, भारतीय रेलवे प्रतिवर्ष रेल सप्ताह का आयोजन करती रही है. उसी क्रम में इस वर्ष उत्तर रेलवे ने 67वें रेल सप्ताह समारोह का शुक्रवार को नई दिल्‍ली में आयोजन किया गया था. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने इस पुरस्‍कार वितरण समारोह की अध्यक्षता की. इस अवसर पर उत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक नवीन गुलाटी, प्रमुख मुख्‍य कार्मिक अधिकारी प्रमिला भार्गव, विभिन्न विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी, उत्तर रेलवे के कर्मचारी, यूनियनों, एसोसिएशनों और फेडरेशनों के सदस्यगण, उत्तर रेलवे महिला कल्याण संग्ठन की अध्यक्ष व उत्तर रेलवे महिला कल्याण संगठन की सदस्याएं उपस्थित थीं.

समारोह की शुरुआत उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने उत्कृष्ट सेवा करने वाले 250 रेलकर्मियों (अधिकारियों एवं कर्मचारियों) को पुरस्कृत करने के साथ हुई. कार्य-निष्पादन मानकों के आधार पर महाप्रबंधक द्वारा 54 रनिंग शील्डें प्रदान की गईं. 'महाप्रबंधक उत्कृष्टता शील्ड' लखनऊ मंडल को तथा सभी क्षेत्रों में 'सर्वश्रेष्ठ कार्य निष्पादन' के लिए दिल्‍ली मंडल को शील्‍ड प्रदान की गई. बेस्ट इम्प्रूवमेंट शील्ड फिरोजपुर मंडल को दी गई. सर्वाधिक मितव्ययिता के लिए मुरादाबाद और फिरोजपुर मंडलों को संयुक्‍त रूप से शील्‍ड दी गई.

उत्कृष्ट सेवा के लिए मिला सम्मान

इस अवसर पर संबोधित करते हुए महाप्रबंधक ने प्रमुख कार्य-क्षेत्रों में उत्तर रेलवे की विभिन्न उपलब्धियों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि उत्तर रेलवे कोरोना महामारी के दुष्‍प्रभावों से उबरने में राष्‍ट्र की मदद कर रही है. उन्‍होंने आगे कहा कि उत्‍तर रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष में अनेक प्रमुख उपलब्धियां हासिल की हैं. माल लदान और आय अब तक की सर्वश्रेष्‍ठ रही है. कोरोना काल से पहले की चल रही लगभग सभी रेलगाड़ियों को बहाल कर दिया गया है. प्रधानमंत्री के मिशन गति शक्ति के अंगर्तगत रेलपथों पर संरक्षा और रेलगाड़ियों की गति सीमा बढ़ाने के लिए प्रमुख ढांचागत परियोजनाएं शुरू की गयी हैं. चिनाब पुल के आर्क का निर्माण कर लिया गया है. अन्‍य हिमालयन रेल परियाजनाएं भी तीव्र गति से चल रही हैं. गंगल ने संरक्षा के क्षेत्र में उत्तर रेलवे की उल्‍लेखनीय प्रगति की सराहना की. उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि उत्तर रेलवे पर संरक्षा, गतिशीलता और पर्यावरण सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रहेगी.

उत्कृष्ट सेवा के लिए मिला सम्मान

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