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'दिल्ली में 6.5 लाख गरीब लोगों को नहीं मिल रहा फ्री राशन' - खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन

दिल्ली में लॉकडाउन के बीच 6.5 लाख गरीब लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. दरअसल ये लोग 5 साल पहले राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक राशन कार्ड नहीं मिला है. वहीं जब ये लोग फ्री राशन लेने के लिए वेबसाइट पर पंजीकरण करते हैं तो, पंजीकरण भी नहीं हो रहा है.

6.5 lakh poor people are not getting free ration in Delhi
बीजेपी विधायक अभय वर्मा

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Published : Apr 10, 2020, 6:33 PM IST

नई दिल्लीः सरकार प्रदत्त राशन कार्ड लेने के लिए बीते पांच साल से जूझ रहे 6.5 लाख गरीब लोग इस समय मझधार में फंसे हुए हैं. दरअसल लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार ने उन गरीब लोगों को भी फ्री में राशन देने का फैसला लिया है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोगों को सरकारी वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर वहां से ई-कूपन लेना होगा. उसके जरिए वे नजदीक के राशन की दुकान से फ्री राशन ले सकते हैं.

बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से लगाई गुहार

दिक्कत यह है कि दिल्ली में 6.5 लाख परिवार ऐसे हैं, जो 5 साल पहले राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर चुके हैं. उन लोगों को अभी तक राशन कार्ड नहीं मिला है. वहीं जब ये लोग फ्री राशन लेने के लिए वेबसाइट पर पंजीकरण करते हैं तो, पंजीकरण भी नहीं हो रहा है. फिलहाल इनकी समस्या की सुनवाई कहीं नहीं हो रही.

बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

ऐसे में बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने वीडियो संदेश जारी कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गुहार लगाई है कि वह मझधार में फंसे 6.5 लाख गरीब परिवारों को राशन दिलाने में मदद करें. बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने कहा कि उनके पास सैकड़ों लोग शिकायत लेकर आए हैं कि दिल्ली में बीते 5 वर्षों में राशन कार्ड नहीं बने हैं.

इन लोगों ने जो आवेदन किया है, जब वे ई-कूपन लेने के लिए दोबारा पंजीकरण कर रहे हैं, तो पंजीकरण भी नहीं हो रहा है. ऐसे में दिल्ली सरकार बगैर राशन कार्ड धारकों को राशन दे रही है, लेकिन ये लोग राशन लेने में सक्षम नहीं हैं.

'राशन मंत्री नहीं देते जवाब'

बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि इस समस्या के बारे में उन्होंने कई बार दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया. ना तो वह फोन पर बात करते हैं और न ही भेजे गए संदेश का जवाब देते हैं. स्थिति गंभीर है, ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द गरीब परिवारों की समस्या पर विचार करना चाहिए.

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