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Loan App Crime: मोबाइल ऐप से लोन देने के नाम पर व्यक्तिगत जानकारियां भी दूसरे अपराधियों को बेच रहे साइबर ठग - 6 people arrested while exposing the gang

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो ऐप के जरिए लोन देने के नाम पर ठगी करते थे. पुलिस ने करीब 2000 लोगों को अपने ठगी का शिकार बनानेवाले 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ कर अपराध के अन्य गतिविधियों की जानकारी ली जा रही है.

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Published : Jun 8, 2023, 8:07 AM IST

नई दिल्ली: मोबाइल ऐप के माध्यम से लोन देने वाली कंपनियों से जुड़े जालसाज पीड़ितों को खुद तो अपना शिकार बनाते ही हैं, अन्य लोगों को उनका डाटा बेचकर उससे भी कमाई करते हैं. वहीं, पीड़ित एक जालसाजी से उबरने के बाद भी इनके चंगुल से निकल नहीं पाता है और उसके दोबारा ठगे जाने का खतरा बना रहता है.

हाल ही में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने लोन ऐप के माध्यम से करीब 2000 लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि यह लोग जिन लोगों को एक बार ठगते हैं और उनका डाटा हासिल करते हैं उनका आसानी से पीछा नहीं छोड़ते हैं. एक बार ठगने के बाद यह लोग संबंधित पीड़ित का डाटा और उसकी पर्सनल डिटेल अन्य गिरोह और अपराधियों को बेच देते हैं.

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लोन ऐप कंपनियों के नाम पर जालसाजी कर रहे ठगों के चंगुल में एक बार फंसने के बाद व्यक्ति के दोबारा ठगे जाने का खतरा बना रहता है. पुलिस इस मॉडल को खत्म करने पर भी काम कर रही है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी अपने जैसे अन्य ठगों के संपर्क में रहते हैं और एक दूसरे से डाटा शेयर करते हैं.

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइबर क्रिमिनल ऐसे लोगों की व्यक्तिगत जानकारी एक दूसरे अपराधियों से साझा करते हैं जिनको झांसे में लेना आसान है. दरअसल लोन एप के माध्यम से व्यक्ति की पर्सनल डिटेल लेना इसलिए आसान है, क्योंकि इसमें वेरीफिकेशन और केवाईसी के नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड से लेकर बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर ओटीपी तक की डिटेल मिल जाती है. ऐप के माध्यम से लोन लेने के बाद व्यक्ति को इंश्योरेंस पॉलिसी, बैंक केवाईसी, नया एटीएम जारी करने के नाम पर, नौकरी दिलाने और वर्क फ्रॉम होम जैसे काम दिलाने के नाम पर ठगा जाता है.

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