नई दिल्ली: मोबाइल ऐप के माध्यम से लोन देने वाली कंपनियों से जुड़े जालसाज पीड़ितों को खुद तो अपना शिकार बनाते ही हैं, अन्य लोगों को उनका डाटा बेचकर उससे भी कमाई करते हैं. वहीं, पीड़ित एक जालसाजी से उबरने के बाद भी इनके चंगुल से निकल नहीं पाता है और उसके दोबारा ठगे जाने का खतरा बना रहता है.
हाल ही में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने लोन ऐप के माध्यम से करीब 2000 लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि यह लोग जिन लोगों को एक बार ठगते हैं और उनका डाटा हासिल करते हैं उनका आसानी से पीछा नहीं छोड़ते हैं. एक बार ठगने के बाद यह लोग संबंधित पीड़ित का डाटा और उसकी पर्सनल डिटेल अन्य गिरोह और अपराधियों को बेच देते हैं.
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लोन ऐप कंपनियों के नाम पर जालसाजी कर रहे ठगों के चंगुल में एक बार फंसने के बाद व्यक्ति के दोबारा ठगे जाने का खतरा बना रहता है. पुलिस इस मॉडल को खत्म करने पर भी काम कर रही है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी अपने जैसे अन्य ठगों के संपर्क में रहते हैं और एक दूसरे से डाटा शेयर करते हैं.