नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर पैदल चलने वाले राहगीर सुरक्षित नहीं है. दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 2022 के अक्टूबर तक 482 सड़क हादसे हुए. इसमें 489 राहगीरों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है. बीते कई वर्षों के आंकड़े देखें तो संख्या डराने वाली है. 2021 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक कुल 504 राहगीरों की मौत हुई थी. (489 pedestrians died in road accidents in 2022)
यातायात से जुड़े पुलिस अधिकारी का कहना है कि सड़कों पर राहगीरों के लिए सुविधाओं की कमी हादसों की सबसे बड़ी वजह है. दिल्ली की अधिकतम सड़कों पर राहगीरों के चलने के लिए फुटपाथ की कमी है. सड़क पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज और अंडरपास नहीं है. ऐसे में राहगीर सड़क हादसों का अधिक शिकार हो रहे हैं.
मंदिर मार्ग स्थित हॉकोर्ट बटलर सीनियर सेकेंडरी स्कूल और उसके ठीक सामने नवयुग स्कूल के पास कहीं भी जेबरा क्रॉसिंग नहीं है. क्रॉसिंग ना होने के चलते बच्चे अपनी जान खतरे में डालकर सड़क पार कर अपने-अपने वाहनों के लिए जाते हैं. दिल्ली के सबसे व्यस्त चौराहे आईटीओ पर पैदल यात्री कान पर फोन लगाकर सड़क पार करते हुए दिखाई देते हैं. वहीं, वाहनों के लिए लाइट होने के बाद भी वाहनों के बीच से सड़क पार करने का प्रयास करते हैं, जिससे कई बार दुर्घटना हो जाती है. सड़क पर बनाए गए डिवाइडर तोड़कर सड़क पार करते लोग पूरी दिल्ली में आम है. इस तरह गैर जिम्मेदाराना तरीके से सड़क पार करते हो कई बार गंभीर हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई बार चालकों और पैदल राहगीरों की मौत भी हो गई है.
हादसों के पीछे ये हैं प्रमुख तीन कारण...
1- मानवीयः
- चालक की गलती: तेज रफ्तार, लापरवाही से वाहन चलाना, नशे में वाहन चलाना, नियमों का उल्लंघन करना.
- पीड़ित की गलती:जेब्रा क्रॉसिंग से सड़क पार नहीं करना, वाहनों से उतरते और चढ़ते समय ध्यान नहीं देना, सड़क पर चलते समय मोबाइल और मोबाइल पर गाने सुनना और बात करना आदि.
2- ढांचागतः